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अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से दहशत में चीन, जानें क्‍या है इसकी वजह

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से चीन को डर सता रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मध्य एशिया के विदेश मंत्रियों से कहा है कि उन्हें आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए मिलकर काम करना चाहिए...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 06:04 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 11:44 PM (IST)
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से दहशत में चीन, जानें क्‍या है इसकी वजह
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से चीन दहशत में है।

बीजिंग, एएनआइ। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से चीन को भी मुश्किलें बढ़ने का डर सता रहा है। उसे अंदेशा हो रहा है कि अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद अफगानिस्तान में फिर से आतंकवाद भड़क सकता है। नतीजतन उसकी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजना पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसे देखते हुए चीन ने मध्य एशियाई देशों से सुरक्षा को लेकर सहयोग बढ़ाने का अनुरोध किया है।

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साउथ चाइना मार्निग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे सैनिकों की पूर्ण वापसी की तारीख 11 सितंबर नजदीक आ रही है, चीन की चिंता बढ़ती जा रही है। उसे लग रहा है कि अफगानिस्तान में अस्थिरता का असर उसके शिनजियांग प्रांत में भी पड़ सकता है और कट्टरपंथी ताकतें सिर उठा सकती हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मध्य एशिया के विदेश मंत्रियों से कहा है कि उन्हें आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए मिलकर काम करना चाहिए, ताकि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर कोई खतरा न आए।

हाल ही में पाकिस्तान ने कहा था कि वह अपने देश की जमीन पर अमेरिका या किसी भी अन्य विदेशी सेना का अड्डा नहीं बनने देगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अफगानिस्तान में आतंकी सगठनों के कब्जे की आशंका में पड़ोसी देशों में सैन्य अड्डा बनाने की संभावना तलाश कर रहे हैं। अमेरिका का मकसद अफगानिस्तान पर निगाह रखना है।

अमेरिका चाहता है कि आपात स्थिति में जब भी मदद की जरूरत हो तो तत्काल सैन्य कार्रवाई की जा सके। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सेना की वापसी के बीच अलकायदा ने एलान किया है कि वह तालिबान के साथ जल्द अफगानिस्तान में लौटेगा। अमेरिका इससे निबटने की रणनीति पर काम कर रहा है।


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