Move to Jagran APP

ताइवान को पनडुब्बी तकनीक देने पर भारत व अमेरिका पर चीन हुआ लाल

ताइवान को पनडुब्बी तकनीक देने को लेकर चीन ने भारत व अमेरिका को चेतावनी दी है।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 09:52 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 09:52 PM (IST)
ताइवान को पनडुब्बी तकनीक देने पर भारत व अमेरिका पर चीन हुआ लाल
ताइवान को पनडुब्बी तकनीक देने पर भारत व अमेरिका पर चीन हुआ लाल

बीजिंग, आइएएनएस/प्रेट्र। ताइवान को पनडुब्बी के निर्माण की तकनीक देने के मामले में चीन ने भारत, अमेरिका और अन्य देशों को दुष्परिणामों की चेतावनी दी है। कहा है कि पनडुब्बी तकनीक का हस्तांतरण नहीं रुका तो उसके भारत समेत उन देशों से द्विपक्षीय रिश्ते बिगड़ जाएंगे जो इस कार्य में शामिल हैं। पड़ोसी राष्ट्र ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है और उसके साथ संबंध रखने वाले देशों के प्रति वैमनस्य का भाव रखता है।

loksabha election banner

पता चला है कि ताइवान की पनडुब्बी बनाने की योजना को पूरा करने के लिए जिन छह कंपनियों ने डिजाइन सौंपा है उनमें एक भारतीय कंपनी भी शामिल है। अन्य कंपनियां अमेरिका, जापान और यूरोपीय यूनियन की हैं। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने ताइवान को सैन्य मदद पहुंचाने के इस प्रयास पर कड़ा विरोध जताया है।

कहा है कि ताइवान को हथियार बेचने और किसी भी तरह के सैन्य संबंध स्थापित करने का चीन सख्त विरोध करता है। ताइवान को लेकर उसकी पूर्व नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। प्रवक्ता ने कहा, हम अमेरिका और बाकी देशों से अनुरोध करते हैं कि वे ताइवान से संबंधित मामले की गंभीरता को समझें और वन चाइना नीति का सम्मान करें। चीन ने यह भी साफ किया है कि ताइवान की पनडुब्बी निर्माण की परियोजना को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा। सैन्य ताकत बनने का उसका सपना पूरा नहीं होने दिया जाएगा। अगर उसका रुख नहीं बदला तो ताइवान को चीन की मुख्य भूमि में शामिल होने वाला कदम भी उठाया जा सकता है। प्रवक्ता ने कहा, सैन्यीकरण में ताइवान की मदद करने वाले देश से चीन के द्विपक्षीय रिश्ते प्रभावित होंगे।

भारत के ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं हैं लेकिन नई दिल्ली स्थित ताइपे इकोनोमिक कल्चरल सेंटर इस द्वीपीय राष्ट्र के दूतावास के रूप में कार्य करता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.