शिनजियांग में उइगरों की पहचान मिटाना चाहता है चीन, शिविरों में सबसे ज्यादा दयनीय हालात महिलाओं की
उइगर मुस्लिमों को समाप्त करने के लिए उसने सरकार की जनसंख्या संबंधी नीति का सहारा लिया है। शिनजियांग के शिविरों में सबसे ज्यादा दयनीय हालात महिलाओं के हैं। यहां पर उनको पीटा जाता है दुष्कर्म होता है और इसके साथ ही कुछ अलग किस्म के इंजेक्शन दिए जाते हैं।
शिनजियांग, एएनआइ। शिनजियांग ऐसा क्षेत्र है, जहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई में सांस्कृतिक और जातीय नरसंहार चरम पर है। उइगर मुस्लिमों के लिए यातना शिविर बने हुए हैं और उनमें अत्याचार किए जा रहे हैं।
हाल ही में यरुशलम पोस्ट में आए एक लेख में इस्तांबुल सबाहतिन जायम यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बुरहान उलियोल और उइगर एक्टिविस्ट ने यहां पर हो रहे मानवाधिकार हनन का कच्चा चिट्ठा खोला है। लेख में कहा गया है कि चीन नियोजित तरीके से उइगर मुस्लिमों को समाप्त करने में लगा हुआ है। यही नहीं इससे पहले वह यहां की सांस्कृतिक विरासत को समाप्त कर रहा है। उइगर मुस्लिमों को समाप्त करने के लिए उसने सरकार की जनसंख्या संबंधी नीति का सहारा लिया है। शिनजियांग के शिविरों में सबसे ज्यादा दयनीय हालात महिलाओं के हैं। यहां पर उनको पीटा जाता है, दुष्कर्म होता है और इसके साथ ही कुछ अलग किस्म के इंजेक्शन दिए जाते हैं।
शिनजियांग, तिब्बत में मानवाधिकार हनन के विरोध में अमेरिका
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि हम शिनजियांग, तिब्बत व चीन में किसी भी स्थान पर और ताइवान में लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ खड़े हैं। हम मानवाधिकारों के समर्थन में हैं, इनका हनन होने पर अमेरिका विरोध करेगा। उन्होंने क्वाड (क्वाड्रिलेटरल सीक्योर्टी डायलॉग) के बारे में कहा कि हम और हमारे साथी देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और शांति के लिए खड़े हैं। क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया का एक ग्रुप है, जो हिंद प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन कराने के लिए बना है।