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सैनिकों के बीच झड़पों पर चीन के बदले सुर, भारत से कहा- हमें उलझनें बढ़ाने से बचना होगा

भारतीय और चीनी सैनिकों में हुई झड़प के बाद कायम तनाव के बीच चीन ने भारत से कहा है कि हमें इस मुद्दे पर उलझनें बढ़ाने से बचना होगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 02:01 AM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 02:01 AM (IST)
सैनिकों के बीच झड़पों पर चीन के बदले सुर, भारत से कहा- हमें उलझनें बढ़ाने से बचना होगा
सैनिकों के बीच झड़पों पर चीन के बदले सुर, भारत से कहा- हमें उलझनें बढ़ाने से बचना होगा

बीजिंग, पीटीआइ। पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में पिछले दिनों भारतीय और चीनी सैनिकों में हुई झड़प के बाद कायम तनाव के बीच चीन ने बुधवार को फिर सफाई दी। चीन ने कहा कि उसके सैनिक अपने देश की सीमा में सामान्य गश्त कर रहे हैं। साथ ही उसने भारत से आग्रह किया कि हमें इस मुद्दे पर उलझनें बढ़ाने से बचना होगा।

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बीजिंग में मीडिया से मुखातिब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'सैनिकों की झड़प को लेकर दोनों देश राजनयिक स्तर पर संपर्क में हैं। सीमा विवाद को लेकर चीन की स्थिति पूरी तरह साफ है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (Chinese People's Liberation Army) के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control, LAC) पर अपने देश की तरफ गश्त कर रहे हैं। हमने आग्रह किया है कि भारत ऐसा कोई कदम न उठाए, जिससे सीमा क्षेत्र में विकास और द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हों।' झाओ ने सोमवार को भी कहा था कि चीनी जवान शांति व स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सूत्रों ने बताया कि 5 मई को झड़प के बाद सीमा के निकट चीन के दो हेलीकॉप्टरों को उड़ते देखा गया था। इसके बाद भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमानों ने भी वहां उड़ान भरी थी। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के सैनिक अपने-अपने स्थानों पर बने हुए हैं। हालांकि, तनाव और बढ़ने की आशंका में क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक भेजे गए हैं। हालांकि, छह मई को स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद दोनों पक्ष गतिरोध खत्म करने पर सहमत हो चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि 5 मई की देर शाम पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय जवानों व चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी। इसमें दोनों ओर से कुछ सैनिक घायल भी हुए थे। इससे पहले दोनों देशों के सैनिकों के बीच वर्ष 2017 में डोकलाम के पास 73 दिनों तक गतिरोध चला था। 


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