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चीनी वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर संशय, अब बूस्टर डोज लगाने की तैयारी

चीन पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों को बूस्टर डोज देने की तैयारी कर रहा है। चीन के फोसुन फार्मा और जर्मनी के बायोएनटेक द्वारा विकसित एमआरएनए वैक्सीन का बूस्टर डोज उन्हें लगाए जाने की तैयारी है जिन्होंने पहले से चीन द्वारा विकसित अन्य वैक्सीन लगवाई हुई है।

By Amit KumarEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 10:58 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 10:58 PM (IST)
चीनी वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर संशय, अब बूस्टर डोज लगाने की तैयारी
China to use biontech vaccine as booster shot

 बीजिंग, एजेंसियां: चीन पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों को बूस्टर डोज देने की तैयारी कर रहा है। चीन के फोसुन फार्मा और जर्मनी के बायोएनटेक द्वारा विकसित एमआरएनए वैक्सीन का बूस्टर डोज उन लोगों को लगाए जाने की तैयारी है, जिन्होंने पहले से चीन द्वारा विकसित अन्य वैक्सीन लगवाई हुई है।

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जानकारी के मुताबिक चीन ने एक जुलाई तक 120 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन लगाई हैं। देश के ज्यादातर नागरिकों को सिनोवैक और सिनोफार्म टीके लगाए गए हैं। इन दोनों ही टीकों में नई एमआरएनए तकनीक के बजाय वायरस के निष्क्रिय कणों का इस्तेमाल किया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारी कॉमिरनाटी नाम की वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल करने का विचार कर रहे हैं। इस वैक्सीन का इस्तेमाल आमतौर पर अमेरिका और यूरोप में किया जा रहा है, लेकिन फोसुन के पास चीन में वैक्सीन के निर्माण और वितरण का विशेष अधिकार है। वहीं बायोएनटेक की वैक्सीन मौजूदा वक्त में चीनी सरकार की अनुमति का इंतजार कर रही है, ये टीका वायरस के प्रति 95 फीसदी तक प्रभावशाली है।

गुरुवार को, एक सलाहकार पैनल ने बायोएनटेक की वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है और अब इसे दवा नियामक से अंतिम मंजूरी का इंतजार है। चीन द्वारा ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब मंगोलिया, सेशेल्स और बहरीन जैसे देश जिन्होंने कोविड-19 महामारी का सामना करने के लिए चीनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया और अब वहां संक्रमण में बड़ा उछाल देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि, चीनी टीके वायरस के प्रति 50फीसदी से लेकर 80फीसदी तक प्रभावी हैं। जो की, मॉडर्ना और फाइजर-बायोएनटेक द्वारा विकसित एमआरएनए टीकों की तुलना में प्रभावशीलता का स्तर काफी कम है।

गौरतलब है कि, इन दिनों इंडोनेशिया संक्रमण का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां सिनोवैक वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जाने के बावजूद बड़ी तादाद में स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हुए हैं। जिसके चलते देश की सरकार ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बूस्टर डोज देने का फैसला किया है।


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