अफगानिस्तान पर वर्चुअल बैठक की मेजबानी करेगा चीन, मध्य और दक्षिण एशियाई नेता होंगे शामिल
चीन और रूस के दबदबे वाले शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों की बैठक गुरुवार को होनी है। अफगानिस्तान इस समूह का पर्यवेक्षक सदस्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि तालिबान नेतृत्व का कोई प्रतिनिधि इसमें भाग लेगा या नहीं।
बीजिंग, एपी। चीन का कहना है कि वह अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा के लिए मध्य और दक्षिण एशियाई राज्यों के नेताओं की वर्चुअल बैठक की मेजबानी करेगा। चीन और रूस के दबदबे वाले शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों की बैठक गुरुवार को होनी है। अफगानिस्तान इस समूह का पर्यवेक्षक सदस्य है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि तालिबान नेतृत्व का कोई प्रतिनिधि इसमें भाग लेगा या नहीं।
चीन ने अभी तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि क्या वह उन नए अफगान नेताओं और अधिकारियों को मान्यता देगा, जिन्होंने सरकार से महिलाओं को बाहर रखा है। हालांकि, उसने तालिबान के नेतृत्व को स्वीकार किया है और अपने काबुल दूतावास को खुला रखा है। वहीं, अमेरिका, भारत, ब्रिटेन समेत ज्यादातर देशों ने अपने दूतावासों को बंद कर दिया है।
चीनी सरकार और राज्य मीडिया ने अमेरिका पर अफगानिस्तान को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। चीन ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी को जल्दबाजी और अराजक करार दिया है। चीन ने राजनीतिक वार्ता और संयुक्त सैन्य अभ्यास के माध्यम से मध्य एशिया में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए शंघाई सहयोग का उपयोग किया है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को कम करना है।
बीजिंग ने तालिबान से शिनजियांग के मुसलमानों के लिए उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के लिए स्वतंत्रता की मांग करने वाले आतंकवादियों पर लगाम लगाने की अपनी प्रतिज्ञा पर कायम रहने का आह्वान किया है। विदेश मंत्री वांग यी ने समूह से मानवीय सहायता में 31 मिलियन अमरीकी डालर की पेशकश की है। इसमें भोजन, सर्दियों के सामान, चीनी निर्मित कोरोना के टीके और दवा शामिल है।