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चीन ने 16 फाइटर प्लेन भेजकर मलेशिया को धमकाया, ड्रैगन के राजनयिक को किया गया तलब

चीन छोटे देशों को धमकाने की नीति पर चल रहा है। इस बार उसने अपनी ताकत से डराने की कोशिश मलेशिया के हवाई क्षेत्र में घुसकर की है। मलेशिया ने इस पर तीखा विरोध किया है और चीन के खिलाफ राजनयिक विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 04:26 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 04:26 PM (IST)
चीन ने 16 फाइटर प्लेन भेजकर मलेशिया को धमकाया, ड्रैगन के राजनयिक को किया गया तलब
चीन के 16 फाइटर प्लेन बोर्नियो द्वीप पर सरवाक के तट से 110 किमी. अंदर तक आ गए

कुआलालंपुर, एपी। चीन छोटे देशों को धमकाने की नीति पर चल रहा है। इस बार उसने अपनी ताकत से डराने की कोशिश मलेशिया के हवाई क्षेत्र में घुसकर की है। मलेशिया ने इस पर तीखा विरोध किया है और चीन के खिलाफ राजनयिक विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है। मलेशिया के विदेश मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने बताया कि चीन के 16 फाइटर प्लेन बोर्नियो द्वीप पर सरवाक के तट से 110 किमी. अंदर तक आ गए। चेतावनी दिए जाने के बाद भी वे सीमा से बाहर नहीं गए। बाद में फाइटर प्लेन रवाना करने के बाद चीन के प्लेन वापस लौटे।

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मलेशिया ने चीन की इस हरकत को उड़ान सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है। मामले में चीन के राजनयिक को तलब किया जा रहा है। ज्ञात हो कि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। वह मलेशिया ही नहीं ब्रुनेई, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम की समुद्री सीमा पर इस तरह का दावा करते हुए इन देशों को धौंस देता रहता है। मलेशिया का कहना है कि चीनी तट रक्षक और उसकी नौसेना ने 2016 से 2019 तक 89 बार उसकी सीमा में घुसने की कोशिश की है। ये हरकतें अभी भी जारी हैं।

चीन ने पूरे दक्षिणी चीन सागर को अपना इलाका घोषित कर रखा

बीजिंग की हेकड़ी का यह हाल है कि उसने चीन की मुख्य भूमि से दो हजार किमी दूर तक के पूरे दक्षिणी चीन सागर को अपना इलाका घोषित किया हुआ है। इनमें मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, जापान, ब्रुनेई और आस्ट्रेलिया समेत कई देश हैं। इनमें से कई देशों के सीधे नियंत्रण वाले विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर घुसकर चीनी नौसेना ने कई द्वीपों पर कब्जा जमा लिया है और कई जगह तो समुद्र में उभरी चट्टानों के आसपास लाखों टन पत्थर मिट्टी डालकर अपनी नौसेना के ठिकाने और वायुसेना के लिए हवाई पट्टियां भी विकसित कर ली हैं। चीन का दावा है कि पूरे दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी चीन सागर के गर्भ में छिपे तेल और खनिज संपदा पर केवल उसी का अधिकार है।


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