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मसूद अजहर पर टस से मस नहीं हुआ चीन, भारत की मांग को फिर ठुकराया

चीन ने हर बार भारत की कोशिश पर पानी फेर कर जैश-ए-मोहम्‍मद को सरंक्षण दिया है। इस बार की बैठक में चीन ने फिर से कहा कि अजहर को आंतकी घोषित करने की कोई संभावना नहीं है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 05:32 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 09:39 PM (IST)
मसूद अजहर पर टस से मस नहीं हुआ चीन, भारत की मांग को फिर ठुकराया
मसूद अजहर पर टस से मस नहीं हुआ चीन, भारत की मांग को फिर ठुकराया

बीजिंग, प्रेट्र/आइएएनएस। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराए जाने के मसले पर चीन अपने रुख से टस से मस नहीं हुआ है। उसने मंगलवार को साफ कर दिया कि भारत के आग्रह पर उसका रुख नहीं बदला है। इस मसले पर वह गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेगा।

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भारत ने चीन से मसूद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने का आग्रह किया था। भारत कई सालों से इस प्रयास में जुटा है, लेकिन इस राह में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य चीन हर बार रोड़ा अटका देता है। उसके पास वीटो का अधिकार है।

नई दिल्ली में बीते सोमवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह और चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मामलों के मंत्री झाओ केझी की सह अध्यक्षता में भारत-चीन की द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग मसले पर पहली उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक के दौरान भारत ने चीन से कहा था कि वह संयुक्त राष्ट्र में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लंबित आवेदन का समर्थन करे।

भारत के इस आग्रह के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को कहा, 'मसूद को सूचीबद्ध कराने के संदर्भ में भारत के आग्रह पर हम पहले ही अपना रुख कई बार बता चुके हैं। आतंक रोधी मसले पर चीन पहले से ही अंतरराष्ट्रीय आतंकरोधी अभियानों में सक्रियता से भागीदारी करता रहा है। हमने किसी भी मामले में निर्णय हमेशा गुण और दोष के आधार पर लिए हैं।

हम क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए कदम उठाते रहेंगे।' मसूद ने जम्मू-कश्मीर के उड़ी स्थित सैन्य अड्डे पर आतंकी हमले समेत भारत में कई हमलों को अंजाम दिया था। 2016 के उड़ी हमले में 17 जवानों की मौत हो गई थी।

उल्फा नेता बरुआ को शरण देने से इन्कार
उग्रवादी संगठन उल्फा नेता परेश बरुआ को शरण नहीं देने के बारे में भारत के आग्रह से जुड़ी खबरों के बारे में पूछे जाने पर चीनी प्रवक्ता हुआ ने कहा, 'मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगी कि चीन सरकार ने हमेशा ही दूसरे देशों के आतंरिक मामलों में दखल नहीं देने के सिद्धांत का पालन किया है। इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।'


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