भारत के खिलाफ पाक के आरोपों पर चीन की चुप्पी, इमरान को आदेश- सीपीईसी की सुरक्षा सुनिश्चित करो
आतंकी हमलों के पीछे भारत का हाथ होने के पाकिस्तान के आरोपों पर चीन ने चुप्पी साध ली है। यही नहीं चीन ने इमरान खान की सरकार से कहा है कि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे यानी सीपीईसी को प्रभावी सुरक्षा उपलब्ध कराए।
बीजिंग, पीटीआइ। कुछ आतंकी हमलों के पीछे भारत का हाथ होने संबंधी पाकिस्तान के आरोपों पर चीन ने सोमवार को चुप्पी साध ली और इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया। साथ ही उसने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को प्रभावी सुरक्षा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी इस्लामाबाद पर डाल दी।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासतौर पर क्षेत्रीय देशों का आह्वान करता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करें और सामूहिक सुरक्षा की रक्षा करें।'
पाकिस्तान का दावा है कि उसके यहां कुछ आतंकी हमलों के पीछे भारत का हाथ है जिनसे सीपीईसी परियोजनाओं में बाधा पहुंची है। इस बारे में पूछे गए सवाल पर झाओ ने कहा, 'पाकिस्तान में बलूचिस्तान स्थित रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ने वाला सीपीईसी बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) की अहम अग्रणी परियोजना है।'
पाकिस्तान के आरोपों पर रविवार को भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना था कि पाकिस्तान के इन छटपटाहट भरे प्रयासों को कुछ ही देशों का समर्थन मिलेगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसकी चालबाजियों से वाकिफ है और आतंकवाद प्रायोजित करने में पाकिस्तान का हाथ होने के सुबूत किसी और ने नहीं बल्कि उसके अपने नेतृत्व ने स्वीकार किए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना था, 'यह एक और बेकार की भारत विरोधी कवायद है। भारत के खिलाफ तथाकथित साक्ष्य के दावों की कोई विश्वसनीयता नहीं है। ये मनगढ़ंत और कोरी कल्पना हैं।'
एक अन्य सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'यह (सीपीईसी) चीन और पाकिस्तान के साझा विकास के लिए महत्वपूर्ण है, यह क्षेत्रीय संपर्क और साझा समृद्धि के लिए भी फायदेमंद है। हमें विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग से चीन और पाकिस्तान सीपीईसी की सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं। हमारा यह भी विश्वास है कि पाकिस्तान सीपीईसी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाना जारी रखेगा।'
पाकिस्तान ने सीपीईसी की सुरक्षा के लिए 15 हजारों जवानों की एक स्पेशल सिक्योरिटी डिवीजन बनाई है जिसमें नौ हजार पाकिस्तानी सेना के जवान हैं जबकि छह हजार अर्धसैनिक बलों के कर्मी है। गुलाम कश्मीर से गुजरने की वजह से भारत को इस गलियारे पर आपत्ति है।
नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर से भारी गोलीबारी में चार लोगों की मौत संबंधी पाकिस्तानी आरोप पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत और पाकिस्तान दोनों से अनुरोध किया कि वे संयम बरतें, वार्ता के जरिये मतभेदों का समाधान करें और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए मिलजुलकर काम करें।