डॉक्यूमेंट्री दिखाकर चीन ने उइगर मुसलमानों की बयां की कहानी, कहा- अब खत्म कर रहे इनकी कट्टरता
उइगर मुसलमानों को नजरबंदी के सवाल पर चीन को हाल के महीनों में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की आलोचना झेलनी पड़ी है।
बीजिंग, प्रेट्र। चीन ने पहली बार शिनजियांग में आतंकी वारदातों के कई वीडियो फुटेज शामिल कर तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री (वृत्तचित्र) सार्वजनिक की है। इस डॉक्यूमेंट्री में अलगाववादी संगठन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक (ETIM) मूवमेंट के सदस्यों के जानलेवा हमलों को दिखाया गया है। चीन ने ऐसा कर लाखों उइगर मुसलमानों की सामूहिक नजरबंदी को सही ठहराने की कोशिश की है। इस नजरबंदी के लिए चीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा झेलनी पड़ रही है।
उइगर मुसलमानों को नजरबंदी के सवाल पर चीन को हाल के महीनों में संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की आलोचना झेलनी पड़ी है। चीन ने सफाई दी है कि वह शिविरों में उइगर मुसलमानों को किसी तरह प्रताडि़त नहीं कर रहा बल्कि उन्हें धार्मिक उन्माद से बाहर निकालने का कार्य कर रहा है।
शिनजियांग प्रांत में रहते हैं सबसे ज्यामा उइगर मुस्लिम
चीन के सीमावर्ती शिनजियांग प्रांत में एक करोड़ से ज्यादा तुर्क मूल के उइगर मुसलमान रहते हैं। अंतरराष्ट्रीय निंदा से बचाव के लिए चीन ने जुलाई में श्वेत पत्र जारी कर बताया था कि उइगर मुस्लिमों को शिविर में अतिवाद से दूर करने वाली शिक्षा दी जाती है और उन्हें देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जाता है।
द ब्लैक हैंड-ईटीआइएम एंड टेरेरिज्म इन शिनजियांग डॉक्यूमेंट्री सरकार द्वारा संचालित सीजीटीएन चैनल पर प्रसारित की गई। इसमें शिनजियांग प्रांत में हुए आतंकी हमलों को दिखाया गया। बताया गया कि ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट का संबंध अल कायदा और इस्लामिक स्टेट (IS) जैसे आतंकी संगठनों से है।
डॉक्यूमेंट्री में चीन के कई ब्लास्ट भी दिखाए गए
डॉक्यूमेंट्री में बीजिंग के थ्यानमेन चौक पर 2013 में हुए कार बम विस्फोट जैसे हमलों को दिखाया गया है जिनमें कई लोग मारे गए थे। बीजिंग की घटना में आतंकियों ने पर्यटकों के समूह के नजदीक जाकर अपनी एसयूवी कार को उड़ा दिया था जिसमें कई लोग मारे गए थे।
इसी प्रकार का एक हमला 2014 में युन्नान प्रांत में हुआ, जहां कुनमिंग रेलवे स्टेशन पर हमला कर कई निर्दोष लोगों को मार डाला गया था। डॉक्यूमेंट्री के अनुसार आतंकी संगठन ईटीआइएम पड़ोसी देश तुर्की के साथ मिलकर तुर्क सभ्यता के विकास के साथ ही इस्लामी आधार भी बढ़ाना चाहता है।