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ट्रंप की नई निवेश नीति पर ड्रैगन की पैनी नजर, दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वार तेज

चीनी प्रवक्‍ता ने कहा है कि वह इस कानून का देश की आर्थिक व्‍यवस्‍था पर पड़ने वाले प्रभाव का भी आकलन कर रहा है

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 12:56 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 01:02 PM (IST)
ट्रंप की नई निवेश नीति पर ड्रैगन की पैनी नजर, दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वार तेज
ट्रंप की नई निवेश नीति पर ड्रैगन की पैनी नजर, दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वार तेज

बीजिंग [ प्रेट्र] । चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है वह अमेरिका की नई निवेश नीति पर अपनी पैनी नजर रखे हुए है। अमेरिका के इस नए कानून पर चीन ने कहा कि वह इसका बारीकी से अध्‍ययन कर रहा है। चीनी प्रवक्‍ता ने कहा है कि वह इस कानून का देश की आर्थिक व्‍यवस्‍था पर पड़ने वाले प्रभाव का भी आकलन कर रहा है। उधर, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने विदेशी निवेश सौदों को नियंत्रित करने वाली समिति की सिफारिश को अपनी स्‍वीकृति दी है। अब यह समिति नए कानून की मंजूरी के लिए अमेरिकी कांग्रेस में इसे पेश करेगी।

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अमेरिका की इस कानून से चीन के महत्वाकांक्षी ' प्लान 2025 ' पर असर पड़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध और तेज हो सकता है। बता दें कि इन दिनों अमेरिका की टेक्नॉलजी इंडस्ट्री में तेजी से बढ़ता चीनी निवेश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर है। दरअसल, ये कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रंप जल्द ही अमेरिका की टेक्नॉलजी कंपनियों में चीनी निवेश के खिलाफ कठोर फैसले ले सकते हैं। इसके जरिए वह चीन के महत्वाकांक्षी योजना को झटका दे सकते हैं।

‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप कई चीनी कंपनियों पर अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों में निवेश को रोकना चाहते हैं। इसके अलावा उनका इरादा चीन को अतिरिक्त प्रौद्योगिकी का निर्यात भी प्रतिबंधित करने का है। इस तरह की पहल का मकसद चीन की ‘मेड इन चाइना 2025’ रिपोर्ट के तहत प्रौद्योगिकी के दस व्यापक क्षेत्रों में वैश्विक नेता बनने की कोशिशों को रोकना है। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी, वैमानिकी, इलेक्ट्रिक वाहन तथा जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र शामिल हैं।

गौरतलब है कि वॉशिंगटन ने पीछले माह चीन से आयात किए 50 अरब डॉलर के तकनीकी उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इतना ही नहीं डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने यह भी कहा था कि चीन की गैर-कानूनी व्यापार नीतियों पर 30 जून को कार्रवाई की जाएगी। अपने एक बयान में वाइट हाउस ने कहा था कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए, अमेरिका चीन पर महत्वपूर्ण निवेश प्रतिबंध और प्रौद्योगिकी से संबंधित निर्यात नियंत्रण लागू करेगा।

 बयान में आगे कहा गया था कि चीन से आयात किए गए 50 अरब डॉलर के प्रौद्योगिकी उत्पादों पर अमेरिका 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा, और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन के सामने भी उठाया जाएगा। टैरिफ से प्रभावित होने वाले उत्पादों की सूची 15 जून तक जारी कर दी जाएगी।


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