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चीन का अमेरिका पर बड़ा हमला, US को बताया दुनिया के लिए परेशानी पैदा करने वाला देश

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को यहां कहा अमेरिका अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व के अपने अधिकार को लेकर हमेशा अडिग रहता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 07:11 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 07:13 PM (IST)
चीन का अमेरिका पर बड़ा हमला, US को बताया दुनिया के लिए परेशानी पैदा करने वाला देश
चीन का अमेरिका पर बड़ा हमला, US को बताया दुनिया के लिए परेशानी पैदा करने वाला देश

बीजिंग, एपी। कई अंतरराष्ट्रीय संधियों से ट्रंप प्रशासन के हटने का हवाला देते हुए चीन ने अमेरिका को दुनिया के लिए परेशानी पैदा करने वाला देश करार दिया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को यहां कहा, अमेरिका अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व के अपने अधिकार को लेकर हमेशा अडिग रहता है और यही वह एकमात्र कारण है जिसने दोनों देशों के संबंधों को गंभीर क्षति पहुंचाई है।

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विदेश मंत्री ने कहा, 'हम समानता और आपसी सम्मान के आधार पर संवाद और चर्चा के माध्यम से अमेरिका के साथ मतभेदों को हल करने के लिए तैयार हैं। लेकिन हम किसी भी एकतरफा प्रतिबंध या डराने-धमकाने की किसी कार्रवाई को स्वीकार नहीं करेंगे।' वांग के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय समझौतों से अमेरिका के हटने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने कई समस्याएं आ खड़ी हुई हैं और वर्तमान परिपेक्ष्य में अमेरिका दुनिया के लिए समस्या पैदा करने वाला देश बन गया है।

वांग की यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है जब व्यापार समझौते, राजनीति और चीन पर बौद्धिक संपदा चोरी के आरोपों को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम पर है। चीन की विदेश नीति पर आयोजित एक कांफ्रेंस में वांग ने कहा, चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता, राष्ट्रीय गरिमा और मूल हितों से संबंधित मुद्दों को लेकर अमेरिका लगातार जानबूझकर हमलावर रुख अपनाए है।

गौरतलब है कि इससे पहले चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक दोनों देशों में आपसी व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए इस मामले पर बहुत उपयोगी और रचनात्मक बातचीत हुई। दूसरे दौर की वार्ता में दोनों देशों ने कृषि, वित्तीय सेवाओं, व्यापारिक सहयोग में विस्तार, टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान और विवाद निस्तारण जैसे मुद्दों पर सार्थक बातचीत की।

इस दौरान वार्ताकारों के बीच भविष्य में होने वाली वार्ता की व्यवस्था को लेकर बात हुई और समझौते पर पहुंचने के लिए मिलकर प्रयास करने को लेकर सहमति बनी। दोनों देशों के बीच हुए प्रारंभिक समझौते की विस्तृत जानकारी नहीं मिली है, लेकिन माना जा रहा है कि अब भी अमेरिका स्मार्टफोन व अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के 160 अरब डॉलर के चीनी आयात पर शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की योजना बना रहा है।


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