चीनी विदेश मंत्रालय का दावा, कोरोना वैक्सीन पर भारत के साथ काम करेगा चीन, दोनों देशों के अधिकारी जल्द करेंगे वार्ता
पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि कोरोना वैक्सीन पर भारत के साथ काम करने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत होगी। हम विकासशील देशों में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध करना चाहते हैं।
बीजिंग, पीटीआइ। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के कोविड से बचाव की वैक्सीन तैयार करने में भारत के साथ मिलकर कार्य करने की इच्छा जताने के बाद अब चीन के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच वार्ता की बात कही है। इस सिलसिले में दोनों देशों के अधिकारी जल्द वार्ता करेंगे। चीन की ओर से यह प्रस्ताव उसके भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच आया है।
मालूम हो कि 12 वें ब्रिक्स सम्मेलन में राष्ट्रपति चिनफिंग ने मंगलवार को कहा कि चीन की कंपनियां रूसी और ब्राजीलियन सहयोगियों के साथ मिलकर कोविड वैक्सीन का तीसरा क्लीनिकल ट्रायल कर रही हैं। इस सिलसिले में हम दक्षिण अफ्रीका और भारत के साथ सहयोग की भी तैयारी कर रहे हैं।
इस वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया था, इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी मौजूद थे। शी ने कहा, चीन कोवैक्स तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल है और ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में जिन सहयोगी देशों को इसकी जरूरत होगी, वह उन्हें वैक्सीन उपलब्ध कराएगा।
यह पूछे जाने पर कि वैक्सीन के विकास में चीन भारत से किस तरह का सहयोग चाहता है? चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने सीधा जवाब न देते हुए कहा कि दोनों देशों के सक्षम अधिकारी इस सिलसिले में बातचीत कर समन्वय स्थापित करेंगे।
प्रवक्ता ने कहा, चीन की सरकार विकासशील देशों में वैक्सीन की वितरण प्रणाली विकसित कर उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहती है। ऐसा वह सामुदायिक स्वास्थ्य और मानवता की रक्षा के लिए करना चाहती है। चीन कोविड-19 महामारी को खत्म करने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाना चाहता है।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स परियोजना में पूरी दुनिया में विकसित की जा रही नौ वैक्सीन शामिल हैं। इनमें से दो वैक्सीन चीन की कंपनियों की हैं। संगठन ने कोविड से लड़ने के लिए यह वैश्विक गठबंधन बनाया हुआ है। दुनिया के ज्यादातर देश इस गठबंधन में शामिल हैं। यही गठबंधन विकासशील और गरीब देशों में कोविड से बचाव की वैक्सीन उपलब्ध कराएगा।