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चीन लांच करेगा 'ऑर्टिफिशियल मून', नहीं होंगी स्‍ट्रीट लाइट, 50 मील तक होगा उजाला

2020 में दक्षिण-पश्चिम शहर चेंगदू पर लांच होने वाले ऑर्टिफिशियल चंद्रमा की रोशनी वास्तविक चंद्रमा से आठ गुना ज्‍यादा होगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 09:52 PM (IST)
चीन लांच करेगा 'ऑर्टिफिशियल मून', नहीं होंगी स्‍ट्रीट लाइट, 50 मील तक होगा उजाला
चीन लांच करेगा 'ऑर्टिफिशियल मून', नहीं होंगी स्‍ट्रीट लाइट, 50 मील तक होगा उजाला

बीजिंग, जेएनएन। चीन ने 2020 में शहरों को प्रकाशमान बनाने के लिए 'ऑर्टिफिशियल चंद्रमा' लॉन्च करने की योजना बनाई है। इसके अर्न्‍तगत एक शहर एक 'ऑर्टिफिशियल चंद्रमा' लांच करने की योजना है। यह कृत्रिम चंद्रमा 50 मील तक प्रकाश करेगा।

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पीपुल्स डेली के अनुसार 2020 में दक्षिण-पश्चिम शहर चेंगदू पर लांच होने वाले ऑर्टिफिशियल चंद्रमा की रोशनी वास्तविक चंद्रमा से आठ गुना ज्‍यादा होगी। ऑर्टिफिशियल चंद्रमा से शाम को जोरदार चमक पैदा होगी।

अधिकारियों ने परियोजना को लेकर कुछ विवरण जारी किए हैं, लेकिन कहते हैं कि यह विचार एक फ्रांसीसी कलाकार से प्रेरित है जिसने पृथ्वी पर लटकते दर्पणों के हार का अनुमान लगाया था। चेंगदू एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम रिसर्च इंस्टीट्यूट कं लिमिटेड के चेयरमैन वू शुनफेंग ने 10 अक्टूबर को शहर में एक कार्यक्रम में योजना का खुलासा किया।

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यह 2020 में लॉन्च होने पर चेंगू की रात उजालापूर्ण बनाने के लिए यह चंद्रमा का पूरक होगा। यह संभावित रूप से पारंपरिक स्ट्रीटलाइट्स को हटाने के लिए काम करेगा। कृत्रिम चंद्रमा को 10 से 80 किलोमीटर चौड़ाई (6 से 50 मील) के बीच एक क्षेत्र को प्रकाश देने के लिए नियंत्रित किया जा सकता है।

चीन के सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदू ने घोषणा की है कि 2020 तक वो अंतरिक्ष की कक्षा में एक सेटेलाइट स्थापित करेगा जो सूर्य की रोशनी को प्रतिबिंबित कर रात में शहर को रोशन करेगा। चेंगदू शहर के अधिकारियों का दावा है कि इस सेटेलाइट की रोशनी इतनी होगी कि इससे शहर में स्ट्रीट लाइट की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। सेटेलाइट एक परावर्तक कोटिंग का इस्तेमाल करेगा जिससे प्रतिबिंबित होने वाली रोशनी धरती के 50 वर्ग मील क्षेत्र को रोशनी प्रदान करेगा।

यह लॉन्च 1999 के रूसी शोधकर्ताओं के प्लान पर आधारित है जिसमें कक्षा में रखे गए दर्पण की मदद से साइबेरिया के शहरों को रोशन करने की योजना बनाई गई थी। चीन को उम्मीद है कि यह तकनीक बिजली की तुलना में एक किफायती विकल्प साबित होगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक चेंगदू शहर में कई सालों से कृत्रिम चांद की तकनीक का मूल्यांकन किया जा रहा और इसके कई दफे इसके टेस्ट के बाद तय किया गया कि यह तकनीक अब लॉन्च के लिए तैयार है। रिपोर्ट के मुताबिक यह विचार चीन के बिजनेसमैन और चेंगदू एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम रिसर्च इंस्टिट्यूट के अध्यक्ष वू शुनफेंग के दिमाग की उपज है। शुनफेंग का कहना है कि प्रारंभिक टेस्टिंग पूरी कर ली गई है और 20020 तक यह सैटेलाइट तैयार हो जाएगी।

हालांकि इस ऑर्टिफिशियल चांद के इस्तेमाल पर सवाल खड़े होने लगे हैं कि रात न होने की वजह से इसका दुष्प्रभाव शहर और आसपास के जानवरों पर पड़ेगा।


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