Move to Jagran APP

चीन ने निकारागुआ पर डाले डोरे, 1990 के बाद खोला दूतावास, ताइवान के दूतावास पर कब्‍जे से गदगद हुआ ड्रैगन

चीन ने निकारागुआ में वर्ष 1990 के बाद पहली बार अपना दूतावास खोला है। यह दूतावास शुक्रवार को खोला गया। बीजिंग ने यह कदम निकारागुआ के राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा की सरकार की ओर से ताइवान के साथ रिश्ता तोड़ने के महज कुछ हफ्ते बाद उठाया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 05:24 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 06:49 PM (IST)
चीन ने निकारागुआ पर डाले डोरे, 1990 के बाद खोला दूतावास, ताइवान के दूतावास पर कब्‍जे से गदगद हुआ ड्रैगन
चीन ने निकारागुआ में वर्ष 1990 के बाद पहली बार अपना दूतावास खोला है।

मानागुआ, एपी। चीन ने निकारागुआ में वर्ष 1990 के बाद पहली बार अपना दूतावास खोला है। यह दूतावास शुक्रवार को खोला गया। बीजिंग ने यह कदम निकारागुआ के राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा की सरकार की ओर से ताइवान के साथ रिश्ता तोड़ने के महज कुछ हफ्ते बाद उठाया है। विदेश मंत्री डेनिस मोंकाडा ने कहा कि दोनों देशों के बीच वैचारिक स्तर पर समानता है। इस मध्य अमेरिकी देश ने चीन के साथ 1985 में संबंध स्थापित किया था। लेकिन 1990 के राष्ट्रपति चुनाव में ओर्टेगा की हार के बाद निकारागुआ की नई राष्ट्रपति वायलेट चामोरो की सरकार ने ताइवान को मान्यता दी थी।

loksabha election banner

निकारागुआ ने गत वर्ष नौ दिसंबर को ताइवान के साथ संबंध तोड़ लिया और पिछले सप्ताह ताइवान के दूतावास एवं राजनयिक कार्यालयों को यह कहते हुए कब्जे में ले लिया कि ये चीन से संबंधित हैं। चीन ने अपना नया दूतावास दूसरी जगह खोला है और यह स्पष्ट नहीं है कि ताइवान भवन के साथ बीजिंग क्या करेगा।

वहीं चीन के इशारे पर निकारागुआ के दूतावास पर कब्जे से गुस्‍साए ताइवान ने कहा है कि वह उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने निकारागुआ के इस रवैये की निंदा करते हुए मध्य अमेरिकी देश की कार्रवाई को गैरकानूनी बताया और मांग की कि उसकी संपत्ति जल्द वापस की जाए। ताइवान का कहना है कि वह अपनी राजनयिक संपत्ति की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेगा। ताइवान यह सुनिश्चित करेगा कि इस तरह के गैरकानूनी कार्य के लिए निकारागुआ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदार ठहराया जाए।

वहीं निकारागुआ ने ताइवान के दूतावास से जुड़ी संपत्ति को अपने कब्जे में लेने के बाद उसे देश के कैथोलिक चर्च को सौंप दिया है। निकारागुआ का कहना है कि ताइपे की संपत्ति चीन की है क्योंकि उनकी सरकार विश्व में केवल एक ही चीन को मान्यता देती है। दूसरी ओर चीन ने उस कंपनी की संपत्तियों पर रोक लगा दी है जिसकी स्थापना एक पूर्व ताइवानी अभिनेता और उनकी पत्नी ने की थी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.