अब अमेरिकी कंपनियां आसानी से नहीं खरीद पाएंगी TikTok ऐप का कारोबार, चीन ने लगाया अड़ंगा
टिक-टॉक किसी दूसरे देश की कंपनी नहीं खरीद पाए इसको लेकर चीन ने एक अड़ंगा लगा दिया है। चीन के इस कदम से अमेरिकी कंपनियां आसानी से टिकटॉक को नहीं खरीद पाएंगी...
बीजिंग, रॉयटर/आइएएनएस। शॉर्ट वीडियो ऐप TikTok को देश से बाहर जाता देख चीन की बौखला गया है। टिक-टॉक किसी दूसरे देश की कंपनी नहीं खरीद पाए इसको लेकर चीन ने एक अड़ंगा लगा दिया है। शी चिनफिंग की सरकार ने बीते शुक्रवार को देश की वर्षों पुरानी प्रतिबंधित सूची (Restricted for Export) में टेक्नोलॉजी से जुड़े निर्यात (Restrictions on Technology Exports) को भी जोड़ दिया। चिनफिंग ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस आदेश के बाद उठाया है जिसमें TikTok से कहा गया है कि वह देश में अपना ऑपरेशन बंद करे या फिर किसी अमेरिकी कंपनी को अपना कारोबार बेच कर लौट जाए।
रिपोर्टों के मुताबिक, चीन के नए कदम से TikTok चलाने वाली कंपनी ByteDance को अपना कारोबार किसी विदेशी कंपनी को बेचने से पहले इस नए नियम का पालन करना होगा। इस नियम के तहत चीनी कंपनियों को अपना कारोबार किसी विदेशी कंपनी को बेचने से पहले चीनी प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। बीजिंग स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस एंड इकॉनोमी के प्रोफेसर सुई फैन (Cui Fan) ने बताया कि बीते 12 वर्षों में पहली बार निर्यात पर चीन की ओर से ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस नियम का मतलब ये हुआ कि अब बाइटडांस को अपना टिकटॉक ऐप बेचने से पहले चीनी सरकार की ओर से निर्धारित लाइसेंस प्रक्रिया का पालन करना होगा।
गौरतलब है कि टिकटॉक को खरीदने के लिए अमेरिका की कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। खरीद की लाइन में सोशल वीडियो प्लेटफॉर्म ट्रिलर भी शामिल हो गया था। उसने लंदन स्थित वैश्विक निवेश कंपनी सेंट्रीकस के जरिये टिकटॉक की चीन स्थित मूल कंपनी बाइटडांस के समक्ष 20 अरब डॉलर (करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये) की बोली लगाई थी। 'द वर्ज' में ट्रिलर के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन बॉबी सर्नेवेष्ट ने टिकटॉक के बजाय उसकी मूल कंपनी बाइटडांस के चेयरमैन के सामने सीधे बोली लगाई थी।
बॉबी सर्नेवेष्ट ने बीते दिनों इसकी पुष्टि की थी कि उन्हें बोली के दस्तावेज मिल गए हैं। उनका कहना था कि निचले स्तर पर काम कर रहे लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि उच्चतम स्तर पर क्या हो रहा है। हालांकि टिकटॉक ने ऐसे किसी प्रस्ताव से इन्कार किया था। वहीं वॉलमार्ट पहले ही इस बात की पुष्टि कर चुकी है कि वह माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर टिकटॉक को खरीदने की कोशिश कर रही है। बता दें कि टिकटॉक के दुनियाभर में 70 करोड़ यूजर हैं। दस करोड़ यूजर तो अकेले अमेरिका में ही हैं।