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चीन ने भारतीयों से दो साल का कोविड वीजा प्रतिबंध हटाया, व्यवसायियों और छात्रों की वापसी का रास्ता खुला

पिछले ही महीने चीन में बसे सैकड़ों भारतीय नागरिकों ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर से चीन सरकार पर दबाव डालने की अपील की थी। अब चीन के स्थायी निवासी का परमिट पा चुके इन भारतीयों को अपने स्वजनों से वापस मिलने का अवसर होगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 14 Jun 2022 09:52 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jun 2022 10:13 PM (IST)
चीन ने भारतीयों से दो साल का कोविड वीजा प्रतिबंध हटाया, व्यवसायियों और छात्रों की वापसी का रास्ता खुला
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फाइल फोटो

बीजिंग, प्रेट्र। चीन ने भारतीय पेशेवरों से दो साल का कोविड वीजा प्रतिबंध हटाने की घोषणा की है। इससे अलग-थलग पड़े भारतीय व्यवसायियों और उनके स्वजनों की वापसी का रास्ता खुल गया है। चीन अब चीनी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्रों की कालेज और विश्वविद्यालयों में फिर से पढ़ाई शुरू करने की अपील पर संज्ञान ले रहा है।

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भारत में चीनी दूतावास ने सोमवार को अपनी कोविड वीजा नीति में दो साल के बाद बदलाव करने के विचार को साझा किया था। कोविड वीजा नीति के चलते दो साल से भी अधिक समय से विदेशी नागरिकों और छात्रों को अपने परिजनों के साथ चीन वापस लौटने की मनाही थी। वर्ष 2020 से चीन वापस लौट नहीं पा रहे भारतीय नागरिकों और उनके स्वजनों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है।

विदेश मंत्री ने चीनी सरकार पर की थी दबाव डालने की अपील

पिछले ही महीने चीन में बसे सैकड़ों भारतीय नागरिकों ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर से चीन सरकार पर दबाव डालने की अपील की थी। अब चीन के स्थायी निवासी का परमिट पा चुके इन भारतीयों को अपने स्वजनों से वापस मिलने का अवसर होगा।

नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास में चीनी नागरिकों के स्वजनों और चीन के स्थायी निवास का परमिट वाले नागरिकों को वीजा के लिए आवेदन करके वापसी करने का रास्ता खुल गया है। बताया जाता है कि 12 हजार से अधिक भारतीय छात्रों ने वापस जाकर पढ़ाई पूरी करने की इच्छा जताई है।

वीजा प्रतिबंधों के कारण चीन नहीं लौट सके हजारों छात्र

बता दें कि विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2019 में चीन में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद भारत लौटने वाले 23,000 से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश में फंस गए थे। इनमें ज्यादातर चीनी कालेजों से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र शामिल हैं। वे कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बीजिंग द्वारा लगाए गए वीजा प्रतिबंधों के कारण चीन नहीं लौट सके थे।


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