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अंतरिक्ष की ओर बढ़ा चीन, नए स्पेस स्टेशन के लिए लॉन्च किया पहला मॉड्यूल

साउथ चाइना सी में तो चीन अपना वर्चस्व चाहता ही है अब अंतरिक्ष में भी अपना स्थायी स्टेशन चाहता है। इसके लिए गुरुवार को बीजिंग ने अपना पहला मॉड्यूल लॉन्च किया। 2022 में यह स्पेस स्टेशन अपना काम शुरू करेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 10:40 AM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 10:40 AM (IST)
अंतरिक्ष की ओर बढ़ा चीन, नए स्पेस स्टेशन के लिए लॉन्च किया पहला मॉड्यूल
अंतरिक्ष में चीन बनाना चाहता है अपना स्थायी स्टेशन

बीजिंग, एएफपी। अपने नए स्पेस स्टेशन के लिए चीन ने गुरुवार को पहला मॉड्यूल लॉन्च किया। यह चीन के उस मकसद को पूरा करने में पहला कदम है जिससे अंतरिक्ष में स्थायी तौर पर मानव की मौजूदगी हो सकेगी। तियान्हे कोर मॉड्यूल (Tianhe core module) जिसमें जीवन को सपोर्ट देने वाले तमाम उपकरण मौजूद हैं और अंतरिक्षयात्रियों (astronauts) के रहने के लिए पर्याप्त जगह है। इसे चीन के ट्रॉपिकल हैनान प्रांत (Hainan province) में वेनचांग (Wenchang) से  5B रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया।  

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2022 में यह स्पेस स्टेशन अपना काम शुरू करेगा। दरअसल, इससे पहले 10 मिशन के जरिए स्टेशन को असेंबल करने के लिए पार्ट्स भेजा जाना है ताकि ऑर्बिट में यह अच्छी तरह स्थापित हो सके। संभावना जताई गई है कि यह चीनी स्पेस स्टेशन 15 सालों तक अंतरिक्ष में रहेगा और पृथ्वी से इसकी दूरी 400-450 किमी रहेगी। हालांकि चीन की इस अंतरिक्ष स्टेशन से अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए कोई योजना फिलहाल नहीं है।

बता दें कि अब तक केवल रूस और अमेरिका ने ही अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने में कामयाबी हासिल की है। वर्तमान में केवल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ही सक्रिय है। चीन ने अपने स्पेस स्टेशन को टियोंगॉन्ग (Tiangong) नाम दिया है। चीनी भाषा में इसका मतलब 'जन्नत का महल' होता है। यह मल्टीमॉडल स्पेस स्टेशन मुख्य रूप से तीन हिस्सों में विभाजित है। इसमें एक अंतरिक्ष कैप्सूल और दो लैब होंगी। इन सभी का कुल भार 90 मीट्रिक टन के आसपास होगा। स्पेस स्टेशन के कोर कैप्सूल का नाम तियान्हे (Tianhe) रखा गया है, जिसका मतलब स्वर्ग का सद्भाव होता है।

चीन का पहला सैटेलाइट वर्ष 1970 में भेजा गया था। इसके अलावा चीन ने अपना पहला "taikonaut" 2003 में अंतरिक्ष के लिए भेजा था और मंगल ग्रह पर इस साल की शुरुआत में इसने अपना प्रोब भेजा। चीन ने तियांगोंग-1 लैब (Tiangong-1 lab) को 2011 के सितंबर में भेजा था जिसके जरिए अंतरिक्ष में स्थायी स्टेशन के लक्ष्य की शुरुआत करना चाहता था। 


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