उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार रोकने को तैयार नहीं चीन, शिनजियांग में हालात न बदलने के दिए संकेत
शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर चीन के अत्याचार के कारण ही अमेरिका और पश्चिमी देशों से उसकी दूरी बढ़ती जा रही है। इन देशों का आरोप है कि यहां पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
बीजिंग, एपी। उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के खिलाफ दुनियाभर में आवाज उठने के बाद भी चीन पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने संकेत दिया है कि शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को लेकर उसकी नीति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। सरकार का ध्यान अब यहां पर सक्रिय कट्टरपंथियों पर है।
शिनजियांग प्रांत की कम्युनिस्ट पार्टी के पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर सू गुशियांग ने एसोसिएट प्रेस को दिये साक्षात्कार में यह बात कही। सू ने कहा कि हमारे सामने अभी भी कट्टरपंथियों की चुनौती बनी हुई है।
शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर चीन के अत्याचार के कारण ही अमेरिका और पश्चिमी देशों से उसकी दूरी बढ़ती जा रही है। इन देशों का आरोप है कि यहां पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
चीन ने लाखों लोगों को बंधक बना कर रखा है
विश्लेषकों का मानना है कि इस क्षेत्र में चीन ने लाखों लोगों को बंधक बना रखा है। इसमें से तमाम तो अपनी परंपराओं और धर्म को छोड़ चुके हैं। चीन इस बात को नहीं मानता है और उसका तर्क रहता है कि वह इस क्षेत्र में लोगों को रोजगार के लिए ट्रेनिंग दे रहा है।
सू ने बातचीत में सीधे तौर पर ये नहीं बताया कि यहां पर सुरक्षा में ढील दी जा सकती है। इसके साथ ही यह जरूर कहा कि आतंकवादी की चार साल में कोई भी घटना न होने का मतलब यह नहीं है कि हमारे खतरे कम हो गए हैं।
यूरोपीय यूनियन ने चीन पर कसा था शिंकजा
वहीं, इसके पहले दुनिया के सामने चीन को एक्सपोज करने के लिए यूरोपीय संसद (EP) ने यूरोपीय संघ के आह्वान पर शिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में जबरन श्रम और उइगरों की स्थिति पर एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए चीन के साथ संयुक्त राष्ट्र की स्वतंत्र जांच की दिशा में काम करना चाहिए।