चीन कोरोना वायरस का टीका खोजने के लिए चूहों पर कर रहा प्रयोग, उसके बाद बंदरों पर होगा टेस्ट
दुनियाभर के वैज्ञानिक इन दिनों कोरोना वायरस का टीका खोजने के लिए काम कर रहे हैं। फिलहाल चीन चूहों पर इन टीकों का प्रयोग कर रहा है।
नई दिल्ली। देश दुनिया में कोरोना वायरस का कहर दिख रहा है। कोरोना वायरस से अब तक 1016 लोगों की मौत हो चुकी है। लगभग 43 हजार लोग इसकी चपेट में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसको लेकर चिंतित हो गया है। स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों का कहना है कि यदि अब इस पर रोक के लिए जल्द कदम नहीं उठाए गए तो ये महामारी का रूप ले लेगा। कोरोना वायरस इतनी तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है कि जो लोग कभी चीन गए ही नहीं वो भी उसकी चपेट में आ रहे हैं। अब तक कोरोना वायरस से एक दर्जन से अधिक देशों के लोग इससे संक्रमित हैं।
इस वजह से स्वास्थ्य संगठन इस वायरस को लेकर अब काफी गंभीर हो गया है। कई देशों में वैज्ञानिक इस वायरस से बचाव का टीका खोजने की कोशिश में लगे हुए हैं। मगर अब तक इसमें कामयाबी नहीं मिली है। ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार चीन में वैज्ञानिक इस वायरस का टीका खोजने में लगे हुए हैं, वो चूहों पर अपने बनाए गए टीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके बाद इस परीक्षण को आगे बढ़ाकर बंदरों पर इसका प्रयोग किया जाएगा। यदि कामयाबी मिलेगी तो लोगों पर इसका प्रयोग किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के मरीजों के लिए टीके की खोज किए जाने की बात कही गई है। इसका प्रयोग चूहों पर किया जा रहा है इसका विस्तृत उल्लेख किया गया है। चीनी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के सूत्रों ने भी इस बात की जानकारी साझा की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि mRNA वैक्सीन को CDC, शंघाई स्थित टोंगजी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और Stermirna Therapeutics Co., Ltd द्वारा सह-विकसित किया गया था। रविवार को वैक्सीन के नमूनों को 100 से अधिक चूहों में इंजेक्ट किया गया था। सीडीसी के एक अधिकारी ने बताया कि पशु परीक्षण टीका विकास के बहुत शुरुआती चरण में है और मनुष्यों पर टीका लगाने के लिए तैयार होने से पहले अभी भी कई कदम उठाए जाने हैं।
टीके की खोज करने वैज्ञानिक कह रहे हैं कि चूहों पर परीक्षण केवल एक उम्मीदवार के टीके की प्रारंभिक जांच है। उसके बाद बंदरों पर इसका प्रयोग किया जाएगा, बंदरों पर यदि प्रयोग सफल रहा तो उसे कुछ और जानवरों पर टेस्ट किया जाएगा। उन पर सफलता मिलने के बाद ही इसे मनुष्य पर इस्तेमाल करना शुरू किया जाएगा। ऐसा नहीं है कि चूहों पर इनका प्रयोग किए जाने के बाद सीधे मनुष्य पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। उससे पहले कई और चरण हैं उन सभी में प्रयोग किए जाने के बाद ही इसे फाइनल किया जाएगा। फिलहाल दुनियाभर में कई शोध संस्थान और कंपनियां कोरोना के टीके की तलाश में लगी हुई है।