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कोरोना के मरीजों का पता लगाने के लिए चीन वुहान में कर रहा डोर टू डोर सर्वे

चीन में कोरोना वायरस का पता करने के लिए अब वहां डोर टू डोर सर्वे का काम किया जा रहा है जिससे ऐसे मरीजों का तुरंत इलाज मिल सके।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 03:32 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 03:32 PM (IST)
कोरोना के मरीजों का पता लगाने के लिए चीन वुहान में कर रहा डोर टू डोर सर्वे
कोरोना के मरीजों का पता लगाने के लिए चीन वुहान में कर रहा डोर टू डोर सर्वे

बीजिंग। चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस के मरीजों का पता लगाने के लिए घर-घर जाकर उनकी जांच की जा रही है। इस दौरान यदि किसी मरीज में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जा रहे हैं तो उसको तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है।

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सरकार की ओर से तमाम जगहों पर इस तरह के अस्पताल बनाए गए हैं। अब एक बात ये भी सामने आ रही है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होकर मरने वाले मरीजों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा होता जा रहा है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अकेले वुहान शहर में ही एजेंसियों ने 10.6 मिलियन लोगों का निरीक्षण कर लिया है। इसमें 16 हजार 568 में कोरोना वायरस के रोगियों की पुष्टि की जा चुकी है।

जापान के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जांच के दौरान 14 हजार 596 संदिग्ध मरीज पाए गए हैं। इनमें से 17 हजार 473 लोग वायरस के संपर्क में आने वालों के संपर्क में आने से हुए हैं। जांच के दौरान 7961 मरीज बुखार से पीड़ित पाए गए। चीन में जनवरी माह से ही कोरोना वायरस के मरीज सामने आने लगे थे। इस बीमारी का फैलाव संक्रमण की वजह से बताया जा रहा है।

जब इस संक्रमण से मरने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लगी उसके बाद सरकार की ओर से कदम उठाए जाने शुरू किए गए। बीमारी के प्रकोप को देखते हुए प्रशासन की ओर से दो जगहों पर नए अस्पताल रिकॉर्ड समय में तैयार कर दिए गए। इसके अलावा जगह-जगह खुले जिमनेजियम और स्टेडियमों को भी अस्पताल में तब्दील कर दिया गया। इन सभी जगहों पर कोरोना से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

सरकार को जिन लोगों में कोरोना के लक्षण मिल रहे हैं उनको तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है। उनको आइसोलेशन वार्ड में रखकर उनका इलाज किया जा रहा है। अब इस बीमारी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी गंभीर हो गया है। संगठन के प्रमुख इस बीमारी को लेकर खासे चिंतित हैं, उनकी ओर से भी बाकी देशों को इस बीमारी से अपने नागरिकों का बचाव करने की सलाह दी गई है।

साथ ही ये भी कहा गया है कि जब तक इस बीमारी से बचने के लिए किसी टीके आदि की खोज नहीं कर ली जाती है तब तक सभी को एहतियात बरतने की जरूरत है। यदि इस पर तुरंत रोक लगाने के लिए काम नहीं किया गया तो ये महामारी बन जाएगी, उसके बाद इस पर रोक लगाना मुश्किल हो जाएगा।  


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