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चीन ने राजनयिक पत्र में अमेरिका को कसूरवार ठहराया, कहा- US प्रतिबंधों के खिलाफ चीन का वैध कदम

झाओ ने कहा कि चीनी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाइयों एक गलत फैसला है। उन्‍होंने कहा कि चीन में अमेरिकी दूतावास को बंद करना अमेरिका की गलत नीतियों और कार्रवाई की वैध और आवश्यक प्रतिक्रिया थी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 08:08 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 08:08 AM (IST)
चीन ने राजनयिक पत्र में अमेरिका को कसूरवार ठहराया, कहा- US प्रतिबंधों के खिलाफ चीन का वैध कदम
चीन ने राजनयिक पत्र में अमेरिका को कसूरवार ठहराया, कहा- US प्रतिबंधों के खिलाफ चीन का वैध कदम

बीजिंग, एजेंसी। वाशिंगटन और बीजिंग के मध्‍य बढ़ते तनाव के बीच चीन ने अमेरिका को एक राजनयिक नोट भेजा है। इस नोट में चीनी व्यक्तियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों का जवाब देते हुए बीजिंग ने अमेरिका से अपने गलत फैसलों को जल्द से जल्द निरस्त करने का आग्रह किया गया है। बता देंं कि पिछले कुछ महीनों में अमेरिका ने हांगकांग और शिनजियांग में मानवाधिकारों के दुरुपयोग और दक्षिण चीन सागर में विवादित चौकियों के सैन्यीकरण के लिए कई चीनी व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं।

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चीनी व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई गलत

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीनी व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई गलत है। उन्‍होंने कहा कि वाशिंगटन चीन के आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेप कर रहा है।  झाओ होंने कहा कि चीन द्वारा उठाए गए कदम अमेरिकी गलत नीतियों के वैध परिणाम है। हालांकि,चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन दोनों देशों के सभी क्षेत्रों के बीच सामान्य विनिमय और सहयोग जारी रखेगा और चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावास सभी क्षेत्रों के साथ सामान्य बातचीत बनाए रखेंगे। झाओ ने कहा कि चीनी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाइयों एक गलत फैसला है। उन्‍होंने कहा कि चीन में अमेरिकी दूतावास को बंद करना अमेरिका की गलत नीतियों और कार्रवाई की वैध और आवश्यक प्रतिक्रिया थी।

प्रतिबंध की प्रतिक्रिया बताते हुए उचित कदम करार दिया

बता दें कि चीन और हांगकांग में काम कर रहे अमेरिकी राजनयिकों की गतिवधियों पर चीन ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। उसने इसे पिछले साल अमेरिका में चीन के राजनयिकों पर लगाए गए इसी तरह के प्रतिबंध की प्रतिक्रिया बताते हुए उचित कदम करार दिया है। बता दें कि अमेरिका के राजनयिकों पर पहले से ही चीन के किसी भी हिस्से में जाने और कॉलेज परिसरों तक पहुंच के लिए प्रतिबंध है। बीजिंग ने अमेरिका से चीन के दूतावास और उसके कर्मचारियों पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग भी की है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर अमेरिका पिछले साल अक्टूबर में उठाए गए कदमों को वापस लेता है तो यह प्रतिबंध हटाया जा सकता है। 

 

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