Move to Jagran APP

चीन ने रक्षा बजट में किया इजाफा, कोरोना महामारी में भी सेना की ताकत बढ़ा रहा ड्रैगन

दुनियाभर के देश इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे हैं इस बीच चीन ने अपने रक्षा बजट में वृद्धि कर दी है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 12:45 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 01:14 PM (IST)
चीन ने रक्षा बजट में किया इजाफा, कोरोना महामारी में भी सेना की ताकत बढ़ा रहा ड्रैगन
चीन ने रक्षा बजट में किया इजाफा, कोरोना महामारी में भी सेना की ताकत बढ़ा रहा ड्रैगन

बीजिंग, पीटीआइ। दुनियाभर के देश इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे हैं, इस बीच चीन ने अपने रक्षा बजट में वृद्धि कर दी है। अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाले देश चीन ने अपना रक्षा बजट पिछले साल के 177.6 बिलियन से बढ़ाकर 179 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक कर दिया है। चीन का यह रक्षा बजट भारत का लगभग तीन गुना है।

loksabha election banner

चीन में कोरोना वायरस का कहर थम गया है। अर्थव्‍यवस्‍था के पहिए फिर चलने शुरू हो गए हैं। ऐसे में शुक्रवार सुबह चीन की वार्षिक संसदीय बैठक नेशनल पीप्लस कांग्रेस में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें रक्षा बजट को महामारी के बावजूद 6.6 फीसद बढ़ाने की मंजूरी मिली है। एनपीसी की बैठक में बजट को मंज़ूरी दी जाती है और अगले साल के लिए अर्थव्यवस्था की वृद्धि का लक्ष्य या प्रस्तावित जीडीपी पर फैसला लिया जाता है।

इस साल चीन ने घोषणा कर दी है कि महामारी के मद्देनज़र आर्थिक वृद्धि दर का कोई लक्ष्य तय नहीं किया जाएगा। चीन के प्रधानमंत्री ली केचियांग ने कहा, 'ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारा देश कुछ चीज़ों से जूझ रहा है। ऐसे अनिश्चितता भरे समय में प्रगति का अनुमान लगाना मुश्किल है। यह अनिश्चितता कोरोना वायरस के कारण है, क्योंकि इससे दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं और कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है।'

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वहीं, अमेरिका लगातार चीन पर कोरोना वायरस को दुनियाभर में फैलाने का आरोप लगाते हुए कई प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे रहा है। कई देशों ने चीन में अपनी कंपनियों को बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में चीन की अर्थव्‍यवस्‍था पर आने वाले समय काफी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है। कोरोना महामारी के कारण पहले ही चीन के बजट घाटे में भी अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। वैसे बता दें कि साल 1990 के बाद ऐसा पहली बार है, जब चीन आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य तय नहीं का रहा है। बताया जा रहा है कि बढ़ता बजट और राजकोषीय घाटा चीन के लिए अब परेशानी का सबब बनता जा रहा है। इसलिए जीडीपी के लिए कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.