Move to Jagran APP

कहां पैदा हुआ कोरोना, जांच के लिए तैयार हुआ चीन लेकिन रखी यह शर्त, जानें क्‍या कहा

चीन अब इस महामारी की उत्पत्ति की जांच के लिए तैयार हो गया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने कहा कि ऐसी जांच राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होनी चाहिए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 04:43 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 01:10 AM (IST)
कहां पैदा हुआ कोरोना, जांच के लिए तैयार हुआ चीन लेकिन रखी यह शर्त, जानें क्‍या कहा
कहां पैदा हुआ कोरोना, जांच के लिए तैयार हुआ चीन लेकिन रखी यह शर्त, जानें क्‍या कहा

बीजिंग, एजेंसियां। कोरोना संकट के मसले पर दुनिया के कई देशों के निशाने पर आया चीन अब झुकता नजर आ रहा है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, वह अब इस महामारी की उत्पत्ति की जांच के लिए तैयार हो गया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने संवाददाताओं से कहा है कि चीन का दरवाजा कोरोना के पैदा होने संबंधी अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए खुला है लेकिन ऐसी जांच राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त (free of political interference) होनी चाहिए।

loksabha election banner

बढ़ रही अमेरिका के प्रति तल्‍खी 

हालांकि, इस दौरान चीन की तल्‍खी अमेरिका के प्रति कम होती नजर नहीं आई। चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हमलों पर कहा कि कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन को बदनाम करने और अफवाह फैलाने की अमेरिकी कोशिशें विफल साबित हुई हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि कोरोना के मसले पर चीन के खिलाफ चलाए गए किसी भी मुकदमे का कोई भी कानूनी आधार नहीं है।

मुकदमों को बेबुनियाद बताया 

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि कोरोना के मसले पर चीन के खिलाफ कोई भी मुकदमा कानून की नजर में बेबुनियाद होगा। चीन भी अन्य देशों की तरह वैश्विक महामारी का शिकार हुआ है। उन्‍होंने कहा कि इस तरह के मुकदमे अंतरराष्ट्री कानून का शासन की कसौटी पर खरे नहीं उतरेंगे। ऐसी कवायद झूठ, गैर-न्यायसंगत और गैरकानूनी है। चीन के खिलाफ इस तरह के मुकदमें लाने वाले खुद को अपमानित करेंगे।

अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के साथ तैयार

चीनी विदेश मंत्री ने देश के वार्षिक संसद सत्र के मौके पर बातचीत करते हुए कहा कि चीन वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के साथ काम करने के लिए तैयार है। चीन मानता है कि ऐसी जांच पेशेवर, निष्पक्ष और रचनात्मक होना चाहिए। उन्‍होंने आगे कहा कि यहां निष्पक्षता का अर्थ है कि जांच प्रक्रिया किसी भी राजनीतिक दखलंदाजी से परे होनी चाहिए।

जांच से मुकरता रहा है चीन 

इससे पहले चीन ऐसी जांच से इनकार करता रहा है। माना जा रहा है कि जैसे जैसे दुनिया में उसके खिलाफ लामबंदी तेज हो रही है... वैसे वैसे चीन के सुर बदल रहे हैं। अमेरिका ने तो चीन के खिलाफ खुले तौर पर मोर्चा खोल दिया है। अमेरिका ने चीन की 33 कंपनियों और संस्थानों को काली सूची में डाल दिया है। वहीं ब्रिटेन भी अपने यहां 5जी नेटवर्क में कंपनी की भागीदारी घटाने की योजना बनाई है। 

वुहान लैब से वायरस के निकलने से किया इनकार 

इस बीच, चीन ने एक बार फिर इस बात से इन्कार किया है कि वुहान स्थित उसकी लैब से कोरोना वायरस पैदा हुआ है। वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान की निदेशक वांग यान्यी ने कहा कि उनकी लैब में तीन तरह के सक्रिय कोरोना वायरस हैं लेकिन उनमें कोई भी उस वायरस से मेल नहीं खाता जिससे कोविड-19 महामारी फैली है। वांग यान्यी ने सरकारी टेलीविजन चैनल सीजीटीएन के साथ बातचीत में कहा कि यह कहना कि कोरोना वायरस मेरी लैब से निकला है पूरी तरह से मनगढ़ंत है।

दुष्प्रचार अभियान चला रहा है चीन

ब्रिटेन के एक थिंक टैंक ने कोविड-19 पर चीन के दुष्प्रचार अभियान और दुनियाभर में इसके प्रभाव को कम करने के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया। इसमें रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के एक शोधकर्ता वीरले नौवेन्स ने कहा कि चीन महामारी को लेकर नकली कथा का निर्माण कर रहा है और स्पष्ट रूप से दूसरों पर दोषष म़़ढने की कोशिश कर रहा है। वीरले ने कहा, हमने विभिन्न थिंक टैंकों के अध्ययनों को देखा है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चीनी दुष्प्रचार अभियानों में तेजी आई है। हमने देखा है कि यूरोपीय संघ मानता है कि कोविड चीनी स्रोतों से आया है।

आमने सामने आए यूएस और चीन 

कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से चीन और अमेरिका के संबंधों में तल्खी आई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और शी चिनफिंग का प्रशासन कई बार एक दूसरे से उलझ चुका है। अमेरिका खासकर चीन पर महामारी के बारे में छिपाने और पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाता रहता है। दुनिया की दोनों शीर्ष आर्थिक शक्तियां हांगकांग, व्यापार और ताइवान को अमेरिकी समर्थन के मामले पर भी आमने-सामने आ चुकी हैं। 

WHO में भी पास हो चुका है प्रस्‍ताव 

वैसे यह दबाव का ही नतीजा है कि बीते दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के सदस्य देश इस आशय की जांच के लिए राजी हो गए कि कोरोना वायरस से उपजी महामारी से निपटने को लेकर संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी की भूमिका कैसी रही। यही नहीं इस बारे में यूरोप‍ीय यूनियन की ओर से रखा गया प्रस्‍ताव भी सर्वसम्‍मति से पास हो गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि इस बात की जांच होगी कि डब्ल्यूएचओ ने क्या कदम उठाए और उनका समय क्या ठीक था?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.