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चीन मुस्लिमों की आबादी कम करने के लिए उठा रहा सख्त कदम, ज्यादा बच्चे होने पर भारी जुर्माना या भेजा जाता है हिरासत शिविरों में

चीन की सरकार मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के अपने अभियान के तहत उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के बीच जन्मदर को घटाने के लिए सख्त से सख्त कदम उठा रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 04:40 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 12:11 AM (IST)
चीन मुस्लिमों की आबादी कम करने के लिए उठा रहा सख्त कदम, ज्यादा बच्चे होने पर भारी जुर्माना या भेजा जाता है हिरासत शिविरों में
चीन मुस्लिमों की आबादी कम करने के लिए उठा रहा सख्त कदम, ज्यादा बच्चे होने पर भारी जुर्माना या भेजा जाता है हिरासत शिविरों में

 बीजिंग, एपी। चीन की सरकार मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के अपने अभियान के तहत उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के बीच जन्मदर को घटाने के लिए सख्त से सख्त कदम उठा रही है। इतना ही नहीं, देश के हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों और पूर्व में हिरासत शिविरों में रखे गए 30 लोगों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर यह निष्कर्ष सामने आया है।

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 बड़े पैमाने पर और सुनियोजित तरीके से शुरू हुआ चलन

रिपोर्ट के अनुसार, पहले कभी-कभार कोई महिला जबरन गर्भनिरोधक के बारे में बोलती थी, लेकिन यह चलन पहले के मुकाबले ज्यादा बड़े पैमाने पर और सुनियोजित तरीके से शुरू हो चुका है। शिनजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ जनसांख्यिकीय नरसंहार करार दे रहे हैं। पड़ताल के दौरान लिए गए साक्षात्कार और आंकड़े बताते हैं कि इस प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने के लिए कहा जाता है। इतना ही नहीं उन्हें कॉपर-टी जैसे अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आइयूडी) लगवाने के अलावा नसबंदी कराने तथा लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर किया जाता है।

ज्यादा बच्चे होना हिरासत शिविरों में लोगों को भेजे जाने की बड़ी वजह

खास बात यह है कि देशभर में जहां आइयूडी के इस्तेमाल और नसबंदी में गिरावट आई, वहीं शिनजियांग में इनका प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण के इन उपायों पर जोर बड़े पैमाने पर लोगों को हिरासत में लेकर दिया जाता है। पड़ताल में पता चला कि ज्यादा बच्चे होना हिरासत शिविरों में लोगों को भेजे जाने की बड़ी वजह है। हिरासत शिविरों में तीन या उससे ज्यादा बच्चों के माता-पिता को उनके परिवार से तब तक अलग रखा जाता है, जब तक कि वे बड़ा जुर्माना नहीं भर देते। पुलिस छिपे हुए बच्चों की तलाश में घरों पर छापे मारती है और मां-बाप को इस बात के डराया जाता है कि ज्यादा बच्चे पैदा होने पर उन्हें हिरासत शिविरों में भेज दिया जाएगा। सरकार कई महिलाओं को दूसरे और तीसरे बच्चे के जन्म के बाद आइयूडी लगवाने का आदेश देती है।

शिनजियांग में जन्मदर 24 फीसद घटी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, शिनजियांग के जिन क्षेत्रों में उइगर आबादी बहुतायत में वहां 2015 से 2018 के बीच जन्मदर में 60 फीसद की गिरावट आई है। हालांकि पूरे शिनजियांग प्रांत की बात करें तो पिछले साल जन्मदर 24 फीसद घटी है। बता दें कि बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने के लिए चीन ने 'वन चाइल्ड पॉलिसी' अपनाई थी। जिसके तहत देश के हान बहुसंख्यकों को गर्भनिरोधक और नसबंदी के लिए प्रोत्साहित किया गया था।

हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए किया जा रहा प्रोत्साहित

हालांकि इस दौरान अल्पसंख्यकों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति थी। अगर वह ग्रामीण इलाके से आते हैं तो वह तीन बच्चे तक पैदा कर सकते थे। वर्ष 2014 में जब राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शिनजियांग का दौरा किया तो अधिकारियों ने समान परिवार नियोजन प्रणाली लागू करने की बात उठाई। इसके बाद सरकार ने घोषणा की कि हान बहुसंख्यक अल्पसंख्यकों की तरह दो से तीन बच्चे पैदा कर सकते हैं।


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