चीन ने छह दिनों तक छिपाए रखी थी महामारी की जानकारी, विशेषज्ञों का सनसनीखेज खुलासा
लॉस एंजिलिस में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के विशेषज्ञों की मानें तो तो चीन ने महामारी की जानकारी कई दिनों तक छिपाए रखी थी। यही नहीं उसने सही समय पर कदम भी नहीं उठाए थे...
वुहान, एपी। कोरोना महामारी को लेकर चीन ने पूरे विश्व को ही अंधेरे में नहीं रखा बल्कि अपने नागरिकों को भी इसकी सूचना नहीं दी। एक चौंकाने वाली जानकारी में पता चला है कि उसने छह दिनों तक (14 से 19 जनवरी तक) इस बात को छिपाए रखा कि वुहान शहर में एक नए वायरस का पता चला है जो महामारी का सबब बन सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सातवें दिन यानी 20 जनवरी को लोगों को इस बारे में चेतावनी दी। लेकिन तब तक लाखों लोग चीनी नववर्ष मनाने के लिए विदेश और देश के अन्य शहरों में जा चुके थे। यही नहीं, इस समय तक देश में 3000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके थे।
लॉस एंजिलिस में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के महामारी रोग विशेषज्ञ जुओ फेंग झांग ने कहा, 'अगर चीन ने छह दिन पहले कदम उठाया होता तो आज मरीजों की संख्या काफी कम होती।' चीन सरकार से जुड़े आतंरिक सूत्रों से पता चलता है कि पांच जनवरी से 17 जनवरी के बीच भी सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती हुए, लेकिन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने एक भी केस पंजीकृत नहीं किया। यही नहीं चीन सरकार ने सिर्फ वायरस के बारे में ही देर से सूचना नहीं दी बल्कि जिन डॉक्टरों ने दुनिया को इस वायरस के बारे में आगाह करना चाहा उन पर भी सरकार ने भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाकर कार्रवाई की।
शिकागो यूनिवर्सिटी में चीनी राजनीति की प्रोफेसर डॉली यांग ने कहा, वुहान में डॉक्टर डर गए थे। 13 जनवरी को चीन के बाहर थाइलैंड में कोरोना का पहला मामला सामने आया। जिसके बाद चीन ने जनता को कुछ भी बताए बिना राष्ट्रव्यापी योजना की शुरुआत की। चीन सरकार यह कहती रही है कि उसने तुरंत इस महामारी की सूचना विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दी, लेकिन दस्तावेजों से पता चलता है कि चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के प्रमुख ने 14 जनवरी को प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक गोपनीय टेलीकांफ्रेंस में स्थिति का आकलन किया और इसकी जानकारी राष्ट्रपति चिनफिंग को दी।