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शिनजियांग: उइगर समुदाय में 'बर्थ कंट्रोल' की जबर्दस्ती पर चीन ने दी सफाई

शिनजियांग में उइगर समुदाय के शोषण को लेकर चीन की अंतरराष्ट्रीय मंच पर कड़ी आलोचना की जा रही है। इस बीच समुदाय की मुस्लिम महिलाओं पर बीजिंग द्वारा जबरन बर्थ कंट्रोल के कानून थोपे जाने की भी खबर आई जिससे चीन इनकार कर रहा है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 03:43 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 03:43 PM (IST)
शिनजियांग: उइगर समुदाय में 'बर्थ कंट्रोल' की जबर्दस्ती पर चीन ने दी सफाई
उइगर समुदाय में बर्थ कंट्रोल की जबर्दस्ती नहीं: चीन

 बीजिंग, एपी। चीनी अधिकारी ने सोमवार को  इस बात से इनकार किया कि बीजिंग ने शिंजियांग में मुस्लिम महिलाओं को जबरन बर्थ कंट्रोल के लिए मजबूर किया है। दरअसल, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी देश में मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के लिए अब कठोरता पर उतर आई है। इस क्रम में उइगर और दूसरे अल्पसंख्यकों के बीच जन्म दर को घटाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।  

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चीन के इस क्रूर कदम को विशेषज्ञों ने 'जनसांख्यिकीय नरसंरहार' करार दिया है। इंटरव्यू और आंकड़ों से पता चलता है कि यह प्रांत अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने को कहता है, उन्हें अंतर्गर्भाशयी उपकरण (Intrauterine Device, IUD) लगवाने के अलावा नसबंदी करवाने और लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर करता है।  

वाशिंगटन में चीनी दूतावास द्वारा किए गए ट्वीट पर हंगामे के बाद चीन के अधिकारी ने यह सफाई दी है। इस ट्वीट में लिखा गया कि सरकारी पुलिस ने उइगर समुदाय की महिलाओं 'बेबी मेकिंग मशीन' होने से आजादी दिलाई। शिनजियांग क्षेत्रीय सरकार के लिए उप प्रवक्ता शू गुईशियांग ( Xu Guixiang) ने सोमवार को बताया कि बर्थ कंट्रोल के फैसले शख्स की अपना व्यक्तिगत निर्णय है और इसमें कोई संगठन या दूसरा शख्स हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। शू ने कहा, 'उइगर जनसंख्या का वृद्धि दर न केवल शिनजियांग की पूरी जनसंख्या से अधिक है बल्कि अल्पसंख्यक जनसंख्या की तुलना में भी अधिक है।'

बता दें कि उइगर मुस्लिमों का उत्पीड़न करने के जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को अमेरिका में भारी बहुमत से मंजूरी मिल चुकी है। सीनेट ने इस बिल को सर्वसम्मति से पास किया था जिससे मानवाधिकारों का हनन करने पर चीन पर प्रतिबंध लगाया जा सके।उइगर समुदाय पर शोषण व अत्याचार के आरोपों से घिरे चीन के मद्देनजर ट्विटर ने 7 जनवरी को किए गए चीनी दूतावास के एक ट्वीट को हटा दिया।  यूजर्स ने शिकायत किया था कि उक्त टवीट माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफार्म के नियमों का उल्लंघन था।


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