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आतंकियों को शरण देने के आरोप से तिलमिलाया चीन, कहा- हमने कभी नहीं की आतंकियों की मदद

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैश ए मौहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के प्रसाव के बाद चीन ने अमेरिका के द्वारा लगाए सभी आरोपों को नकार दिया है।

By Atyagi.jimmcEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 04:39 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 07:50 PM (IST)
आतंकियों को शरण देने के आरोप से तिलमिलाया चीन, कहा- हमने कभी नहीं की आतंकियों की मदद
आतंकियों को शरण देने के आरोप से तिलमिलाया चीन, कहा- हमने कभी नहीं की आतंकियों की मदद

बीजिंग, आइएएनएस। आतंकियों को शरण देने के अमेरिका के आरोप से चीन तिलमिला उठा है। उसने सफाई दी है कि वह ऐसा कुछ नहीं करता। जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में लगातार चौथी बार बाधा डालने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने चीन पर आतंकियों को शरण देने और उनका बचाव करने का आरोप लगाया है।अजहर के संगठन पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ की बस पर हमला करके 40 जवानों की हत्या का आरोप है। इससे पहले जैश ने भारत में पठानकोट एयरबेस और संसद पर भी हमले किए थे।

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मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में भारत और उसके मित्र देशों- अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने ने चार बार पेश किया। लेकिन चीन ने स्थायी सदस्य के तौर पर हर बार इस प्रस्ताव को वीटो का इस्तेमाल कर रोक दिया। इससे नाराज फ्रांस ने मसूद अजहर पर 28 देशों के समूह यूरोपीय यूनियन में प्रतिबंध लगवाने की मुहिम छेड़ दी है।

जबकि अमेरिका ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद में ताजा प्रस्ताव पेश कर दिया है। साथ ही विदेश मंत्री पोंपियो ने चीन पर शर्मनाक पाखंड का आरोप लगाया है। कहा है कि एक तरफ तो चीन दस लाख से ज्यादा मुस्लिम अल्पसंख्यकों को कैद में रखकर प्रताडि़त कर रहा है, दूसरी तरफ वह आतंकी संगठन के सरगना को प्रतिबंध से बचा रहा है। अमेरिका के इस आरोप और मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए ताजा प्रस्ताव पेश किए जाने से चीन तिलमिला उठा है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेन शुआंग ने कहा, किसी प्रस्ताव पर तकनीक आधार पर आपत्ति जताकर रोक लगाने से अगर चीन आतंकियों को शरण देने वाला देश बन जाता है तो विभिन्न प्रस्तावों पर तकनीक रोक लगाने वाले सभी देश आतंकियों को शरण देते हैं? प्रवक्ता ने इसके पीछे भारत और पाकिस्तान की वार्ता शुरू करवाने की अपनी मंशा बताई है। उसने कहा है कि वह बातचीत से गतिरोध का समाधान चाहता है। वह दोनों देशों के संपर्क में भी है।

लेकिन चीन ने यह नहीं बताया कि भारत और पाकिस्तान की बातचीत से क्या मसूद अजहर और उसके संगठन का अपराध खत्म या कम हो जाएगा ? जाहिर है कि अमेरिका के आरोप पर चीन की यह अजीबो-गरीब सफाई है। क्योंकि वह किसी आतंकी सरगना को सालों से प्रतिबंध से बचा रहा है।


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