चीन ने तिब्बत नीति का बचाव किया, निर्वासित सरकार पर बोला धावा
एग्जिक्यूटिव वाइस गवर्नर नोर्बु दोनद्रुप ने बुधवार को 1959 से आर्थिक स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा की।
बीजिंग, एपी/आइएएनएस। तिब्बत के लिए उत्तरदायी चीन के अधिकारियों ने 60 वर्षो के दौरान हिमालयी क्षेत्र के विकास की सराहना की है। यह विकास बीजिंग के शासन के खिलाफ असंतोष दबाने के बाद से हुआ है।
एग्जिक्यूटिव वाइस गवर्नर नोर्बु दोनद्रुप ने बुधवार को 1959 से आर्थिक, स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने दलाई लामा द्वारा स्व घोषित निर्वासित सरकार को गैरकानूनी करार देते हुए फटकार लगाई। चीन के दखल के बाद दलाई लामा (83) पलायन कर भारत चले आए थे।
दोनद्रुप ने जोर देकर कहा कि पत्रकारों को निश्चित रूप से तिब्बत की यात्रा करनी चाहिए। वे वहां की स्थिति को खुद देखें। हालांकि चीन ने इस तरह की यात्राओं पर प्रतिबंध लगा रखा है। चीन के स्टेट काउंसिल इंफार्मेशन आफिस द्वारा 'तिब्बत में लोकतांत्रिक सुधार - साठ साल से जारी' शीर्षक रिपोर्ट में बताया गया है कि तिब्बत के लोगों के अथक परिश्रम से कृषि और पशुपालन का आधुनिकीकरण हो गया है। 1959 की तुलना में आय में काफी वृद्धि हुई है। तिब्बत के आधुनिक उद्योग शुरू हुए और इसमें तेजी से वृद्धि हुई है।
तिब्बत में यात्रा की अनुमति नहीं दे रहा चीन : अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि चीन सरकार ने अमेरिकी राजनयिकों, अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को अधिकृत तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र के बाहर तिब्बत और तिब्बती इलाकों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा रखा है। ट्रंप प्रशासन ने तिब्बत के लोगों को सार्थक स्वायत्तता नहीं मिलने पर गहरी चिंता जताई है।