एफएटीएफ निगरानी सूची में आने पर चीन ने किया दोस्त पाक का बचाव
चीन ने सहयोगी का यह कहते हुए बचाव किया है कि इस्लामाबाद ने आतंकवाद से लड़ने के लिए काफी प्रयास किया है और दुनिया को उसे मान्यता देनी चाहिए।
बीजिंग, प्रेट्र। आतंकी फंडिंग को लेकर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को निगरानी सूची में डालने पर चीन ने सीधे तौर पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है। हालांकि, इसने अपने पुराने सहयोगी का यह कहते हुए बचाव किया है कि इस्लामाबाद ने आतंकवाद से लड़ने के लिए काफी प्रयास किया है और दुनिया को उसे मान्यता देनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय कार्रवाई कार्यबल ने आतंकी फंडिंग रोकने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को लंबे समय के लिए निगरानी सूची में डाल दिया है। पाकिस्तान द्वारा 26 बिंदुओं की कार्य योजना पेश करने और आतंकवाद के खिलाफ कथित तौर पर उठाए गए राजनयिक कदमों की जानकारी दिए जाने के बावजूद एफएटीएफ ने पेरिस बैठक में उसे राहत नहीं दी।
शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि कार्यबल के फैसले पर हम कोई टिप्पणी करना नहीं चाहते हैं। लेकिन, आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान ने भी अपनी शहादत दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए। लु ने कहा कि आतंकवाद से पाकिस्तान की लड़ाई का सिर्फ चीन समर्थन नहीं करता है, बल्कि कई अन्य देश भी इसे मान्यता देते हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हाल के वर्षो में वित्तीय नियमन और आतंकी फंडिंग के लिए कई कदम उठाए हैं। चीन और पाकिस्तान का अटूट गठबंधन है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में भी हम उसकी मदद करना चाहते हैं।