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चीन में कोरोना वायरस से छह लोगों की मौत, अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने पर विचार

चीन में कोरोना वायरस से अबतक छह लोगों की मौत हो गई है। अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने पर विचार के लिए डब्ल्यूएचओ की बुधवार को बैठक होने जा रही है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 10:06 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 11:16 PM (IST)
चीन में कोरोना वायरस से छह लोगों की मौत, अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने पर विचार
चीन में कोरोना वायरस से छह लोगों की मौत, अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने पर विचार

बीजिंग, रायटर। चीन में कोरोना वायरस (China coronavirus) के प्रकोप से मरने वालों की संख्या छह हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने रहस्यमयी वायरस के लोगों के बीच तेजी से फैलने की आशंका जताते हुए कहा है कि अब तक 15 चिकित्सा कर्मचारी इससे संक्रमित हो चुके हैं। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने पर विचार के लिए बुधवार को बैठक बुलाई है।

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बता दें कि इसी तरह के एक वायरस से 2002 में सार्स (एसएआरएस) संबंधी बीमारी फैली थी। चीन के दक्षिणी इलाके से शुरू हुई इस बीमारी की चपेट में आकर दो दर्जन देशों के 800 लोगों की मौत हो गई थी।

चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) ने सोमवार तक 291 मामलों की पुष्टि की थी। हुबेई प्रांत की राजधानी हुवान के मेयर झोउ जियानवांग ने छह मौतों की पुष्टि करते हुए 258 लोगों को इससे संक्रमित बताया है। एनएचसी के मुताबिक सोमवार शाम तक दक्षिणी प्रांत गुआंगडोंग में पांच, राजधानी बीजिंग में पांच और शंघाई में दो मामलों की पुष्टि हुई है। मंगलवार को देश के अन्य भागों में भी इस वायरस के फैलने का पता चला। पूर्वी प्रांत झेजियांग में जहां पांच मामले दर्ज किए गए, वहीं उत्तरी शहर तिआनजिन में दो मामले दर्ज किए गए।

मानव से मानव में फैल रहा संक्रमण

डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक ताकेशी कसाई ने कहा कि नए मामले सामने आने से इस बात की पुष्टि होती है कि यह मानव से मानव में फैल रहा है।

क्या है कोरोना वायरस

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोरोना वायरस सी-फूड से जुड़ा है। कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है। यह वायरस ऊंट, बिल्ली तथा चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। कोरोना वायरस के मरीजों में आमतौर पर जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, बुखार जैसे शुरुआती लक्षण देखे जाते हैं। इसके बाद ये लक्षण न्यूमोनिया में बदल जाते हैं और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। अभी तक इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है।


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