पाकिस्तान के लिए ‘अति उन्नत' युद्धपोत बना रहा चीन, भारत की बढ़ेंगी मुश्किलें
अमेरिका ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की जमीन पर जब तक आतंकियों को पनाह मिलती रहेगी, तब तक आर्थिक सहायता इस्लामाबाद को नहीं दी जाएगी।
बीजिंग, पीटीआइ। जब से अमेरिका ने पाकिस्तान से दूरी बनाई है, तब से इस्लामाबाद और बीजिंग की दूरियां कम हो रही हैं। 2019 के पहले ही दिन चीनी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन अपने मित्र पाकिस्तान के लिए 'अति उन्नत' युद्धपोत का निर्माण कर रहा है। इससे भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर में 'शक्ति संतुलन' सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच एक बड़ा द्विपक्षीय हथियार समझौता हुआ था और पाकिस्तान ने इस तरह के चार अत्याधुनिक युद्धपोत चीन से खरीदने की घोषणा की थी। मौजूदा पोत इन्हीं में से एक है।
चीन के अखबार 'चाइना डेली' ने चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन (सीएसएससी) को यह कहते हुए उद्धृत किया है कि यह युद्धपोत आधुनिक खोजी एवं हथियार प्रणाली से लैस होगा। यह पोत रोधी, पनडुब्बी रोधी और वायु रक्षा अभियान में दक्ष होगा। यह निर्माणाधीन पोत चीनी नौसेना के अत्याधुनिक गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट का संस्करण है।
सीएसएससी ने हालांकि पोत के प्रकार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। इस पोत का निर्माण शंघाई स्थित हुदोंग-झोंगहुआ पोत कारखाने में हो रहा है। चीन को इस्लामाबाद का 'सदाबहार मित्र' कहा जाता है और वह पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है। दोनों देश संयुक्त रूप से जेएफ-थंडर का निर्माण भी कर रहे हैं। यह एकल इंजन वाला लड़ाकू विमान है।
अमेरिका ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की जमीन पर जब तक आतंकियों को पनाह मिलती रहेगी, तब तक आर्थिक सहायता इस्लामाबाद को नहीं दी जाएगी। इसके बाद से पाकिस्तान और चीन की नजदीकियां लगातर बढ़ रही हैं। इधर हाल ही में एक नया खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान ने रूस, चीन और इटली से बड़े टैंक और तोप खरीदने की तैयारी कर रहा है। जाहिर है कि एक तरफ से पाकिस्तान कंगाली का रोना रोता है तो वहीं दूसरी तरफ अपने हथियारों के जखीरों को मजबूत कर रहा है।