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परियोजनाओं की आड़ में चीन अफ्रीका में बढ़ा रहा है सेना की मौजूदगी, बीआरआइ से पीछे हट सकते हैं कई देश

अफ्रीका महाद्वीप पर बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) के माध्यम से चीन अब अपनी सेना बढ़ाने की फिराक में है। उसने अफ्रीका के देश जिबूती में चल रही परियोजना में सुरक्षा के नाम पर सेना की तैनाती की थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 03:04 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 03:04 PM (IST)
परियोजनाओं की आड़ में चीन अफ्रीका में बढ़ा रहा है सेना की मौजूदगी, बीआरआइ से पीछे हट सकते हैं कई देश
अफ्रीका महाद्वीप पर बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) के माध्यम से चीन अब अपनी सेना बढ़ाने की फिराक में है।

वाशिंगटन, एएनआइ। अफ्रीका महाद्वीप पर बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) के माध्यम से चीन अब अपनी सेना बढ़ाने की फिराक में है। उसने अफ्रीका के देश जिबूती में चल रही परियोजना में सुरक्षा के नाम पर सेना की तैनाती की थी। अब वह यहां सेना की मौजूदगी को बढ़ा सकता है। अफ्रीका में चीनी हितों का अध्ययन करने वालों का मानना है कि चीन यहां अपनी परियोजनाओं और उसमें काम करने वाले नागरिकों को सुरक्षा देने का काम कर रहा है। उसने इसी उद्देश्य से अपनी सेना तैनात की है।

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अब अफ्रीका के ये देश अन्य तरीके से भी चीन से सहायता भी ले रहे हैं। अफ्रीका के कई देशों को चीन सेना और पुलिस की ट्रेनिंग भी करा रहा है। खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान भी कर रहा है। बीआरआइ के माध्यम सक्रिय होने के बाद चीन अब यहां परियोजना के साथ ही सैन्य शक्ति बढ़ाने के इरादे से सक्रिय हो गया है। इससे अमेरिका और पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ती जा रही है। पिछले साल अमेरिका ने खुशहाल अफ्रीका योजना चलाते हुए यहां निवेश के अवसर तैयार किए थे। यूरोपीय यूनियन भी अफ्रीका में निवेश और व्यापार बढ़ाने के प्रयासों लग गई है।

इधर आस्ट्रेलिया के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव का समझौता रद करने के बाद चीन की इस परियोजना को गहरा धक्का पहुंचा है। अब अन्य देश भी इस परियोजना पर अपने समझौते पर विचार कर रहे हैं। जर्मन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड सिक्योरिटी अफेयर के हेरीवर्ट डाइटर ने कहा है कि ऑस्‍ट्रेलिया के समझौता रद करने से चीन की इस परियोजना की छवि को गहरा धक्का पहुंचा है। इसका नुकसान चीन को होगा। 


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