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चीन ने तिब्बती छात्रों के धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर लगाई पाबंदी

माना जा रहा है कि चीन ने यह कदम मुख्य रूप से बौद्ध धर्म मानने वाले हिमालयी क्षेत्र पर सख्ती बढ़ाने के लिए किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 06:52 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 06:52 PM (IST)
चीन ने तिब्बती छात्रों के धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर लगाई पाबंदी
चीन ने तिब्बती छात्रों के धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर लगाई पाबंदी

बीजिंग, एपी। चीन ने स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छात्रों के धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर पाबंदी लगा दी है। चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने ल्हासा के एक शिक्षा अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है।

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अधिकारी का कहना है कि छात्रों से इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर भी कराए गए हैं। वह अपने अभिभावक और शिक्षकों की देख-रेख में इस नियम का पालन कर रहे हैं।

माना जा रहा है कि चीन ने यह कदम मुख्य रूप से बौद्ध धर्म मानने वाले हिमालयी क्षेत्र पर सख्ती बढ़ाने के लिए किया है। वह तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को अलगाववादी मानता है और उनका प्रभाव खत्म करना चाहता है।

तिब्बत से निर्वासित दलाई लामा भारत में रह रहे हैं। चीन दावा करता है कि तिब्बत पिछली सात शताब्दियों से उसका हिस्सा है। जबकि तिब्बतियों का कहना है कि 1950 से पहले वह स्वतंत्र थे। क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए चीन ने पिछले कई सालों से वहां अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ा दी है।


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