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Moon प्रोजेक्‍ट पर एक साथ हुए चीन और रूस, कहा- पार्टनर बनने के लिए दुनिया के मुल्‍कों का स्‍वागत

चीन और रूस ने साथ मिलकर चंद्रमा पर स्टेशन के निर्माण की योजना (मून प्रोजेक्ट) को तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिया है। अब उन्होंने कहा है कि जो देश या अंतरराष्ट्रीय एजेंसी पार्टनर के तौर पर इसमें शामिल होना चाहते हैं वे उनका स्वागत करते हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 05:44 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 05:55 PM (IST)
Moon प्रोजेक्‍ट पर एक साथ हुए चीन और रूस, कहा- पार्टनर बनने के लिए दुनिया के मुल्‍कों का स्‍वागत
Moon प्रोजेक्‍ट पर एक साथ हुए चीन और रूस। फाइल फोटो।

नानजिंग, एजेंसी। चीन और रूस ने साथ मिलकर चंद्रमा पर स्टेशन के निर्माण की योजना (मून प्रोजेक्ट) को तेजी से बढ़ाना शुरू कर दिया है। दोनों देश चंद्रमा पर इंटरनेशनल साइंटिफिक रिसर्च सेंटर बनाने जा रहे हैं। योजना तैयार होने के बाद अब उन्होंने कहा है कि जो देश या अंतरराष्ट्रीय एजेंसी पार्टनर के तौर पर इसमें शामिल होना चाहते हैं, वे उनका स्वागत करते हैं।

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संयुक्त वार्ता में चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) के डिप्टी डायरेक्टर वू यान्हुआ ने कहा कि चीन और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस मिलकर चंद्रमा पर स्टेशन बनाने जा रहे हैं। यह स्टेशन दोनों देशों की साझेदारी की एक और महत्वाकांक्षी योजना होगी। मून स्टेशन प्रोजेक्ट के लिए हम सभी रुचि लेने वाले देश और एजेंसियों को पार्टनर बनाने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। हम सबको साथ लेकर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं। इस मौके पर हुई कांफ्रेंस में तीस देशों के सौ से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। रूस और चीन पहले ही एक मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।

बता दें कि मार्च, 2021 में चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस के बीच इस अंतरराष्ट्रीय लूनर रिसर्च स्टेशन के संयुक्त निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। मालूम हो कि दोनों देशों के बीच यह समझौता ऐसे वक्‍त में हुआ है, जब अमेरिकी कांग्रेस ने प्रौद्योगिकी चोरी की चिंताओं को ध्‍यान में रखते हुए नासा और चीन के बीच लगभग सभी संपर्कों पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन की ओर से उस वक्‍त अपने जारी बयान में कहा गया था कि स्टेशन चंद्रमा की सतह या चंद्रमा की कक्षा पर बनाया जाएगा। इसकी मदद से चांद पर वैज्ञानिक अनुसंधान, अवलोकन और तकनीकी सत्यापन जैसी वैज्ञानिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाएगा।


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