श्रीलंका को जाल में फंसाने के लिए फिर से कर्ज का दाना डाल रहा चीन, पहले ही बदहाली की कगार पर है देश
श्रीलंका की माली हालत बेहद खराब है। चीन के कर्ज के तले दबे श्रीलंका को दोबारा चीन ने कर्ज देने की पेशकश की है। गौरतलब है कि श्रीलंका को मौजूदा वर्ष में चीन का दो अरब डालर समेत कुल छह अरब डालर के कर्ज का भुगतान करना है।
बीजिंग (एएनआइ)। चालबाज चीन ने कर्ज के दलदल से उबरने का प्रयास कर रहे श्रीलंका पर फिर से डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहे द्वीपीय राष्ट्र को वह मदद के नाम पर और अधिक कर्ज का प्रस्ताव को देकर उसे अपने जाल में फंसाना चाहता है।
श्रीलंका को मौजूदा वर्ष में छह अरब डालर के कर्ज का भुगतान करना है। इनमें चीन का दो अरब डालर का कर्ज शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका ने चीन से कर्ज के भुगतान के लिए मोहलत मांगी थी, जिसे उसने शुरुआत में ठुकरा दी थी। इसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान आर्थिक मदद मांगी थी।
हांगकांग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 'श्रीलंका द्वारा कर्ज से राहत के लिए किए गए आग्रह के मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मार्च में संवाददाताओं से कहा था कि बीजिंग, कोलंबो के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए मदद करता रहा है। देखा जाए तो इस बयान का कोई अर्थ नहीं निकलता।'
बता दें कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था चीन के कर्ज की वजह से बुरी तरह से डूब चुकी है। आलम ये है कि बीते एक माह से वहां पर चीजों की कमी और आसमान छूती महंगाई के चलते लोग सड़कों पर हैं। इस वजह से श्रीलंका की राजनीतिक स्थिति भी पूरी तरह डांवाडोल हो चुकी है। देश की जनता लगातार सरकार से इस्तीफा मांग रही है। वहीं दूसरी तरफ श्रीलंका कह चुका है कि वो चीन के कर्ज को नहीं उतार सकता है।
इसके बाद ही चीन ने उस कर्ज को उतारने के लिए श्रीलंका को दोबारा कर्ज देने की पेशकश की है। हालांकि, श्रीलंका के जानकारों का कहना है कि ये कर्ज किस शर्त पर और कितनी ब्याज दर पर दिया जा रहा है कि इसकी किसी को काई जानकारी नहीं है। इन जानकारों की राय में श्रीलंका की खराब हालत के लिए जहां चीन जिम्मेदार है वहीं मौजूदा सरकार भी जिम्मेदार रही है। श्रीलंका की खराब हालत को देखते हुए भारत ने वहां पर वित्तीय मदद दी है।