कोरोना के इलाज में मददगार हो सकती है कीमोथेरेपी दवा, दोबारा संक्रमण से भी है बचाती
शोधकर्ताओं के मुताबिक दो दवाएं प्रलाट्रेक्सेट और एजिथरोमाइसिन दोबारा वायरस के संक्रमण से बचाती हैं। आगे के लैब परीक्षणों से यह भी पता चला कि रेमेडिसिविर की तुलना में प्रलाट्रेक्सेट अधिक दृढ़ता से संक्रमण को रोकती है ।
बीजिंग, प्रेट्र। कंप्यूटर सिमुलेशन और प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों पर आधारित एक अध्ययन के अनुसार मूलरूप से कैंसर का इलाज करने के लिए विकसित की गई कीमोथेरेपी दवा ना केवल कोरोना के इलाज में मददगार हो सकती है बल्कि यह दोबारा संक्रमण से भी बचाती है। 'पीएलओएस कंप्यूटेशनल बायोलॉजी' नामक पत्रिका में प्रकाशित इस शोध में कई कंप्यूटेशनल तकनीकों का उपयोग किया गया है।
इस हाइब्रिड दृष्टिकोण का इस्तेमाल करते हुए चीन स्थित शेंजेन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मौजूदा 1906 दवाओं का परीक्षण किया। शोध के दौरान विज्ञानियों ने चार दवाओं की पहचान की जिन्हें प्रयोगशाला परीक्षण के दौरान कोरोना वायरस के खिलाफ उपयोगी पाया गया।
शोधकर्ताओं के मुताबिक दो दवाएं प्रलाट्रेक्सेट और एजिथरोमाइसिन दोबारा वायरस के संक्रमण से बचाती हैं। आगे के लैब परीक्षणों से यह भी पता चला कि रेमेडिसिविर की तुलना में प्रलाट्रेक्सेट अधिक दृढ़ता से संक्रमण को रोकती है।
विज्ञानियों के मुताबिक निष्कर्ष बताते हैं कि कोरोना के इलाज के लिए प्रलाट्रेक्सेट को दोबारा बनाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कीमोथेरेपी दवा महत्वपूर्ण दुष्प्रभावों का संकेत देती है और इसे टर्मिनल लिम्फोमा वाले लोगों के लिए ही फिलहाल उपयोग किया जा सकता है। यही वजह है कि विज्ञानियों ने कोरोना रोगियों के तत्काल इलाज के लिए इस दवा को उपयुक्त नहीं बताया है। इस शोध ने उन दवाओं की पहचान करने के लिए नई रणनीति के महत्व पर प्रकाश डाला, जिन्हें फिर से तैयार किया जा सकता है।