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हांगकांग मामले में विदेशी ताकत न करे हस्तक्षेप, होंगे गंभीर परिणाम; चीन की चेतावनी

पश्चिमी देशों व चीन के बीच जारी तनाव के बीच हांगकांग मामले में किसी तरह के हस्तक्षेप को लेकर बीजिंग (Beijing) के शीर्ष प्रतिनिधि ने चेतावनी दी है कि यदि वैश्विक आर्थिक केंद्र का इस्तेमाल कठपुतली के तौर पर करने की कोशिश की तो...

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 12:33 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 12:33 PM (IST)
हांगकांग मामले में  विदेशी ताकत न करे हस्तक्षेप, होंगे गंभीर परिणाम; चीन की चेतावनी
विदेशी ताकत न करे हस्तक्षेप, हांग कांग में बीजिंग के शीर्ष अधिकारियों ने दी चेतावनी

हांग कांग, रॉयटर्स। हांगकांग (Hong Kong) को लेकर पश्चिमी देशों व चीन के बीच जारी तनाव के बीच बीजिंग (Beijing) के शीर्ष प्रतिनिधि ने गुरुवार को चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा किचेताया  कि यदि वैश्विक आर्थिक केंद्र का इस्तेमाल कठपुतली के तौर पर करने की कोशिश की तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।  राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के लिए 'शिक्षण दिवस'  के मौके पर चीन के हांगकांग लिएजॉन आफिस (Hong Kong Liaison Office) के डायरेक्टर लुओ हुइनिंग ( Luo Huining) ने यह बयान दिया।

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हांगकांग में अपने कानून लाकर लोकतंत्र की हत्या करने वाले चीन की यह धमकी अमेरिका और पश्चिमी देशों को दी गई है। चीनी अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि विदेशी ताकतें निचले स्तर पर हस्तक्षेप न करें, इसके गंभीर परिणाम होंगे।  चीन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और चुनाव सुधार संबंधी कानून लाकर हांगकांग की स्वतंत्रता पर कब्जा कर रहा है। इसी को लेकर अमेरिका-ब्रिटेन और इनके सहयोगी देशों ने चीन की कड़ी निंदा की है।

हांगकांग में चीन के संपर्क कार्यालय के अधिकारी लियो हुईनिंग ने कहा है कि जिन लोगों का विदेशी ताकतों से संपर्क है, उन पर जब भी कठोर कार्रवाई का मौका मिलता है तो कोई रियायत न दी जाए। उन्होंने कहा कि हम हस्तक्षेप के विरोध में ऐसे लोगों को सबक सिखाना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि हांगकांग के प्रत्येक शहर में लोकतंत्र समर्थकों पर अब कार्रवाई हो रही हैं। चीन के खिलाफ आंदोलन में भाग लेने वालों पर मुकदमे किए जा रहे हैं। तरह-तरह के उत्पीड़न शुरू हो गए हैं।

हांगकांग के संसदीय चुनाव दिसंबर में आयोजित किए जाएंगे। कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाले खतरे के कारण चुनाव को टाल दिया गया था। बता दें कि चीन ने मार्च में हांगकांग की चुनावी प्रक्रिया में बदलाव करने की घोषणा की थी जिसमें संसद में सीटें बढ़ाने और निर्वाचित सीटों की संख्या 35 से घटाकर 20 करने की योजना है।राजनीतिक उठापटक के बीच चीन ने ब्रिटिश शासन से वर्ष 1997 में 'एक देश, दो व्यवस्था' के तहत हांगकांग को ले लिया था।


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