प्लानिंग एक्जीबिशन हालः बीजिंग के बुनियादी ढांचे में सौ साल की प्रगति का गवाह
मध्य बीजिंग में मशहूर थ्येनअन मन चौक के सामने बना यह हाल पिछले सौ साल में बीजिंग में बुनियादी ढांचे की प्रगति का गवाह है।
By Vikas JangraEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 12:06 AM (IST)
बीजिंग [मनीष तिवारी]। चीन का यह म्यूजियम कुछ अलग है। विकास के एक अनोखे संग्रहालय के जरिये चीन दुनिया को यह बताना चाहता है कि उसने किस तरह शहरी नियोजन को एक व्यवस्थागत स्वरूप दिया है। बीजिंग के नेशनल प्लानिंग एक्जीबिशन हाल में अगर पुरानी चीजें हैं तो केवल यह बताने के लिए कि उसने कहां से शुरू किया था और अब कहां आ गया है।
इस म्यूजियम की सबसे खास बात है इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट की चीन की कल्पना। यानी एक ही जगह सब-वे से लेकर मेट्रो, सामान्य रेल और तीन स्तरों पर यातायात को सुगम बनातीं सड़कें। यह बीजिंग की भावी तस्वीर है। इस दिशा में चीन ने काम शुरू कर दिया है।
करीब 2 करोड़ लोगों का ठिकाना है बीजिंग
महज दो दशकों में तीन सौ किलोमीटर तक मेट्रो को पहुंचा देने के बाद चीन अगले दो साल में इस क्षमता को चार गुना कर देना चाहता है। बुनियादी ढांचे का विकास चीन का सबसे पसंदीदा विषय है। इसीलिए वह बीजिंग को विश्वस्तरीय शहर बनाने में सफल रहा। बीजिंग नए उभरते और पुराने इलाकों को मिलाकर दो करोड़ से अधिक लोगों का ठिकाना है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को जगह देना आसान नहीं और उनके लिए सुगम यातायात की व्यवस्था करना और भी मुश्किल।
प्रदूषण की समस्या का सामना करने के बावजूद ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाने में चीन सफल रहा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। नेशनल प्लानिंग एक्जीबिशन हाल में बीजिंग की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर पिछले पांच साल में हुए खर्च के बारे में पूछे जाने पर कोई भी ठीक-ठीक नहीं बता सका कि यह राशि कितनी होगी। बस अनुमान लगाए जाते रहे कि अरबों-खरबों डॉलर।
पिछले सौ साल की प्रगति का गवाह है ये हाल
मध्य बीजिंग में मशहूर थ्येनअन मन चौक के सामने बना यह हाल पिछले सौ साल में बीजिंग में बुनियादी ढांचे की प्रगति का गवाह है। 2004 में जनता के लिए खोले गए इस हाल की एक खासियत बड़ी सी दीवार पर कापर के जरिये उकेरा गया बीजिंग का नक्शा है। इस दीवार के ठीक पहले कापर की ही एक बड़ी प्लेट पर चीन का भूगोल है-मैदान, पहाड़ से लेकर नदियों तक। दीवार पर बने नक्शे में शहर की हर प्रमुख इमारत दर्शाई गई है। यह नक्शा ही अपने आप में बीजिंग के नियोजित विकास की बानगी है। वैसे बीजिंग को यह विरासत में मिला है।
कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ ही तेज हुआ विकास का दौर
राजाओं के शासन के समय से ही बीजिंग दो हिस्सों में बंटा रहा है। फिर कम्युनिस्ट पार्टी के शासन में यह दूरी खत्म हो गई। नियोजित विकास का दौर और तेज हो गया। सड़कें, फ्लाईओवर, रेलवे, ड्रेनेज सिस्टम से लेकर व्यावसायिक-रिहायशी इलाकों तक का निर्माण सोच-समझकर और अगले चालीस-पचास साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
प्लानिंग एक्जीबिशन हाल में एक हाल की फर्श में शीशे के नीचे लगे टाइलों के जरिये बीजिंग के चप्पे-चप्पे की गवाही है। बीजिंग की इस विकास यात्रा में बड़ा योगदान 2008 में आयोजित ओलंपिक का भी है। हालांकि हैरानी होगी यह जानकर कि बीजिंग के प्रशासक अब ओलंपिक विलेज के कुछ टावर हटाने के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इनसे खूबसूरती में कमी आ रही है।
इस म्यूजियम की सबसे खास बात है इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट की चीन की कल्पना। यानी एक ही जगह सब-वे से लेकर मेट्रो, सामान्य रेल और तीन स्तरों पर यातायात को सुगम बनातीं सड़कें। यह बीजिंग की भावी तस्वीर है। इस दिशा में चीन ने काम शुरू कर दिया है।
करीब 2 करोड़ लोगों का ठिकाना है बीजिंग
महज दो दशकों में तीन सौ किलोमीटर तक मेट्रो को पहुंचा देने के बाद चीन अगले दो साल में इस क्षमता को चार गुना कर देना चाहता है। बुनियादी ढांचे का विकास चीन का सबसे पसंदीदा विषय है। इसीलिए वह बीजिंग को विश्वस्तरीय शहर बनाने में सफल रहा। बीजिंग नए उभरते और पुराने इलाकों को मिलाकर दो करोड़ से अधिक लोगों का ठिकाना है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को जगह देना आसान नहीं और उनके लिए सुगम यातायात की व्यवस्था करना और भी मुश्किल।
प्रदूषण की समस्या का सामना करने के बावजूद ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाने में चीन सफल रहा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। नेशनल प्लानिंग एक्जीबिशन हाल में बीजिंग की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर पिछले पांच साल में हुए खर्च के बारे में पूछे जाने पर कोई भी ठीक-ठीक नहीं बता सका कि यह राशि कितनी होगी। बस अनुमान लगाए जाते रहे कि अरबों-खरबों डॉलर।
पिछले सौ साल की प्रगति का गवाह है ये हाल
मध्य बीजिंग में मशहूर थ्येनअन मन चौक के सामने बना यह हाल पिछले सौ साल में बीजिंग में बुनियादी ढांचे की प्रगति का गवाह है। 2004 में जनता के लिए खोले गए इस हाल की एक खासियत बड़ी सी दीवार पर कापर के जरिये उकेरा गया बीजिंग का नक्शा है। इस दीवार के ठीक पहले कापर की ही एक बड़ी प्लेट पर चीन का भूगोल है-मैदान, पहाड़ से लेकर नदियों तक। दीवार पर बने नक्शे में शहर की हर प्रमुख इमारत दर्शाई गई है। यह नक्शा ही अपने आप में बीजिंग के नियोजित विकास की बानगी है। वैसे बीजिंग को यह विरासत में मिला है।
कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ ही तेज हुआ विकास का दौर
राजाओं के शासन के समय से ही बीजिंग दो हिस्सों में बंटा रहा है। फिर कम्युनिस्ट पार्टी के शासन में यह दूरी खत्म हो गई। नियोजित विकास का दौर और तेज हो गया। सड़कें, फ्लाईओवर, रेलवे, ड्रेनेज सिस्टम से लेकर व्यावसायिक-रिहायशी इलाकों तक का निर्माण सोच-समझकर और अगले चालीस-पचास साल को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
प्लानिंग एक्जीबिशन हाल में एक हाल की फर्श में शीशे के नीचे लगे टाइलों के जरिये बीजिंग के चप्पे-चप्पे की गवाही है। बीजिंग की इस विकास यात्रा में बड़ा योगदान 2008 में आयोजित ओलंपिक का भी है। हालांकि हैरानी होगी यह जानकर कि बीजिंग के प्रशासक अब ओलंपिक विलेज के कुछ टावर हटाने के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इनसे खूबसूरती में कमी आ रही है।
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