भारत की चीन नीति के वास्तुकार थे अटल बिहारी वाजपेयी: चीनी विशेषज्ञ
चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी को चीन में भारत की चीन नीति के वास्तुकार के रूप में सम्मान दिया जाता है।
बीजिंग (प्रेट्र)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उन्होंने देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ी। चाइना रिफार्म फोरम में सेंटर फार स्ट्रेटजिक स्टडीज केंद्र के निदेशक मा जिआली ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी को चीन में भारत की चीन नीति के वास्तुकार के रूप में सम्मान दिया जाता है।
जिआली ने कहा कि पोखरण परीक्षण को भारत का परमाणु प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने का प्रयास मानते हुए चीन की चिंता बढ़ गई थी। बीजिंग को लगा था कि यह उसके खिलाफ है। उसके बाद तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री का सीमा विवाद हल करने के लिए गठित विशेष प्रतिनिधि तंत्र द्विपक्षीय रिश्ते में स्थिरता लाने में मददगार साबित हुआ था।
जिआली ने चीन के पूर्व प्रधानमंत्री वेन जिआबाओ के साथ चीन-भारत रिश्ते पर काम किया है। उन्होंने कहा कि 2003 में वाजपेयी की चीन यात्रा ने द्विपक्षीय रिश्ते में स्थिरता लाने में बहुत योगदान दिया था। वाजपेयी के शासनकाल में भारत-चीन रिश्ते में बहुत सुधार हुआ था। 2003 में उनकी यात्रा के बाद राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भारत-चीन संबंध में उल्लेखनीय सुधार आया था।
उत्कृष्ट राजनेता थे पूर्व प्रधानमंत्री : विदेश मंत्रालय
चीन ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। उन्हें उत्कृष्ट राजनेता बताते हुए बीजिंग ने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के विकास में लीक से हटकर योगदान दिया था। विदेश मंत्रालय ने कहा है, 'वाजपेयी भारत के एक उत्कृष्ट राजनेता रहे। उन्होंने चीन-भारत रिश्ते के विकास की नई राह तैयार की थी।'