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Artless Dodger China: भारत से पंगे में चीन ने खोया विश्वास, रणनीतिक रूप से सद्भावना भी हुई कम

चीन ने हमेशा से खुद को सही दिखाया और भारत पर गलत तरीके से हमला करने के बाद भी भारत के साथ अच्छे संबंध बनाकर कार्य करने की बात को मजबूती देना चाहता है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 03:27 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 03:41 PM (IST)
Artless Dodger China: भारत से पंगे में चीन ने खोया विश्वास, रणनीतिक रूप से सद्भावना भी हुई कम
Artless Dodger China: भारत से पंगे में चीन ने खोया विश्वास, रणनीतिक रूप से सद्भावना भी हुई कम

होंग कोंग, एएनआइ। भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भले ही चीन के सैन्य कृत्य ने तात्कालिक क्षेत्रीय लाभ प्राप्त होने का दावा किया हो, लेकिन वह विश्वास और सद्भावना के मामले में रणनीतिक रूप से बहुत नीचे गिर चुका है। भारत के सैनिकों पर लक्षित तरीके से हमले के पीछ बीजिंग के कई नेताओं के हाथ थे, लेकिन चीन को अपने किए पर बिलकुल भी पछतावा नहीं था। इस बात का परिचय लद्दाख में 15 जून को दोनों देशों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद चीन की ओर से जारी हुए बयान से भी मिल सकता है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 19 जून को कहा, 'चीन को उम्मीद है कि भारत हमारे साथ काम करेगा, दोनों नेताओं के बीच पहुंची महत्वपूर्ण सहमति का पालन ईमानदारी से करें, दोनों सरकारों के बीच हुए समझौतों का पालन करें और राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से वर्तमान स्थिति का उचित प्रबंधन करके संचार और सहयोग को मजबूत करें और संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को बनाए रखते हैं।'

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि चीन की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया, भारत, आप हमारे साथ काम करते हैं। दिखाएं कि आप सहयोग कर रहे हैं। शांति बनाए रखने के लिए अपना थोड़ा प्रयास करें क्योंकि हम पहले से ही शांति बनाए हुए हैं। यानी चीन ने हमेशा से खुद को सही दिखाया और भारत पर गलत तरीके से हमला करने के बाद भी भारत के साथ अच्छे संबंध बनाकर कार्य करने की बात को मजबूती देना चाहता है। चीन के इन बयानों का अर्थ यह भी है कि चीन निर्दोष है और दिल्ली को पश्चाताप करना चाहिए।

भारत से तनातनी, चीन से निकले कोरोना वायरस और हाल ही में होंग कोंग में जबरदस्ती थोपे गए कानून बिल से दुनिया भर के कई देश चीन से नाराज है। चीन का निरंतर धौंस दिखाना, कई देशों को पसंद नहीं आया और काफी जगह चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखे गए। चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय संधियों को तोड़ लिया गया।

उदाहरण के लिए, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों को देख सकते हैं, जहां बंद शिविरों में एक लाख से अधिक कैद हैं, उधर उनका ब्रेनवॉश किया जाता है और कई लोग जबरन श्रम करते हैं।

शी चिनफिंग के नेतृत्व में बहुत आक्रामक हो गया चीन

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन का व्यवहार और आक्रामक तथा परेशान करने वाला हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह रवैया ज्यादा समय तक नहीं चल सकता। भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक निक्की हेली ने फॉक्स न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में उनके कार्यकाल के दौरान चीन शांत और रणनीतिक था। वह यह सुनिश्चित करते थे कि कुछ निश्चित क्षेत्रों में उन्हें जगह मिले और अपने कामों को वे गुपचुप तरीके से अंजाम देने की कोशिश करते थे।


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