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कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने के लिए सेना 2600 डॉक्टरों को करेगी रवाना

चीन कोरोना वायरस से पीड़ितों के इलाज के लिए अब सेना के डॉक्टरों की मदद ले रही है। अभी तक 4000 डॉक्टर लगाए जा चुके हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 01:04 PM (IST)
कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने के लिए सेना 2600 डॉक्टरों को करेगी रवाना
कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने के लिए सेना 2600 डॉक्टरों को करेगी रवाना

बीजिंग। चीन में कोरोना वायरस से अभी राहत के आसार नहीं है। ऐसे में अब सेना के चिकित्सा कर्मचारियों को भी वहां पर इलाज के लिए भेजा जा रहा है। केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष शी जिनपिंग की ओर से बताया गया है कि फिलहाल सशस्त्र बलों के 2600 चिकित्सा कर्मचारियों को कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए वुहान शहर भेजा जाएगा। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इन सैन्य चिकित्सा कर्मचारियों को वुहान में नए बनाए गए अस्पताल में भेजा जा रहा है। इसके अलावा जहां आवश्यकता होगी ये डॉक्टर उनका इलाज करेंगे।

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उन्होंने बताया कि ये 2600 डॉक्टर वुहान के दोनों अस्पतालों में भर्ती मरीजों का इलाज करेंगे। इससे पहले सशस्त्र बलों के 4000 से अधिक चिकित्सा कर्मचारियों को वुहान भेज दिया गया है। जनवरी माह से यहां पर कोरोना वायरस के मरीज पाए जाने शुरू हुए थे। उसके बाद से अब तक इस पर 1300 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए दो अस्थायी अस्पताल भी बना दिए। वुहान और हुबेई प्रांत में इनके अधिक मरीज पाए गए उसके बाद सरकार ने शहर में बाहरी लोगों की आवाजाही एकदम से बंद कर दी। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ही यहां की व्यस्त रहने वाली सड़कें खाली रहने लगी। मॉल्स में लोगों की आवाजाही एकदम से बंद हो गई।

आलम ये हो गया कि वायरस के असर से बचने के लिए शहर में मास्क तक कम हो गए। दुकानदार इनको अधिक रेट पर बेचने लगे, उसके बाद सरकार ने इन पर अंकुश लगाया। चीनी सरकार वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है। टीके की खोज की जा रही है मगर अब तक उस पर कामयाबी नहीं मिली है।

इस बीच WHO (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख Tedros Adhanom Ghebreyesus (टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस) ने कहा कि भले ही कोरोना वायरस का चीन के बाहर धीमी गति से फैल रहा है लेकिन इस बात से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है कि कभी भी इसका प्रसार बढ़ सकता है। ये एक महामारी का रूप ले सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए अभी से सचेत हो जाने की जरूरत है।

इसकी गंभीरता को देखते हुए बाकी देशों को इस बीमारी से बचने के लिए मिलकर उपाय करने के लिए आगे आना चाहिए। WHO ने इस बीमारी से निपटने के लिए 67 करोड़ 50 लाख डॉलर की रकम जुटाने का लक्ष्य रखा था मगर अब तक इस लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है। उन्होंने तमाम देशों से इस रकम को जुटाने के लिए दान देने की अपील की है। जिससे इस लक्ष्य को पाया जा सके और वायरस से निपटने के लिए काम किया जा सके।

इससे पहले कोरोना वायरस को लेकर विश्‍व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (World Health Organization, WHO) ने दुनिया के सभी मुल्‍कों को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी है। WHO की ओर से कहा गया कि दुनिया के उन मुल्‍कों में भी लोगों के इस जानलेवा वायरस से संक्रमित होने के मामले सामने आए हैं जिन्‍होंने कभी भी चीन की यात्रा नहीं की है।

विश्‍व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से बाहर भी इस वायरस के फैलने को लेकर दुनिया को आगाह किया है। साथ ही देशों से गुजारिश की है कि वे इस घातक वायरस से निपटने के लिए हरदम तैयार रहें। उन्‍होंने ट्वीट करके कहा कि ऐसे मामलों का पता चलना दूसरे देशों में इसके फैलने का इशारा हो सकता है। 


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