China: ताइवान के लिए बुरा संकेत, अब चीन करेगा विदेशों में सैन्य अभियान, जानिए क्या है पूरी खबर
गैर युद्ध सैन्य अभियान संबंधी नए नियम का प्रखुख उद्देश्य राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखना है ताकि क्षेत्रीय स्थायित्व संगठनों का विनियमन तथा गैर युद्ध सैन्य अभियानों का संचालन करना है। नया नियम 15 जून से प्रभावी हो चुका है।
बीजिंग, एएनआइ। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गैर युद्ध सैन्य अभियान संबंधी नए नियम पर हस्ताक्षर किया है। जिसके तहत चीनी सेना अब दूसरे देशों में भी विशेष सैन्य अभियान चला सकेगी। इसके साथ ही नए नियम की आड़ में पड़ोसी देश ताइवान पर चीनी हमले की आशंका बढ़ गई है।
इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म रिपोर्टिका (आइजे रिपोर्टिका) की खबर के अनुसार, शी चिनफिंग ने यह कदम तब उठाया है, जब कुछ ही हफ्ते पहले चीन ने सोलोमन द्वीप के साथ सुरक्षा समझौता किया है। इसके साथ ही यह चिंता बढ़ गई है कि चीन विशेष सैन्य अभियान की आड़ में अपने पड़ोसी देश ताइवान पर हमला कर सकता है। भले ही वह इसे युद्ध का नाम न दे।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि नया नियम 15 जून से प्रभावी हो चुका है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार को संक्षिप्त रिपोर्ट में कहा कि 'यह मुख्य रूप से बुनियादी सिद्धांतों, संगठन व कमान, संचालन के प्रकार, परिचालन समर्थन व राजनीतिक कार्य तथा सैनिकों द्वारा उनके कार्यान्वयन को व्यवस्थित रूप से नियंत्रित करता है।
राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाये रखना नए नियम का उद्देश्य
'छह अध्यायों वाले दस्तावेज के अनुसार, 'इस गैर युद्ध सैन्य अभियान संबंधी नए नियम का प्रखुख उद्देश्य राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखना है ताकि क्षेत्रीय स्थायित्व, संगठनों का विनियमन तथा गैर युद्ध सैन्य अभियानों का संचालन करना है।
इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म रिपोर्टिका (आइजे रिपोर्टिका) के अनुसार, यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कुछ ही दिनों पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, ताइवान पर सैन्य कार्रवाई के खतरे को टालने और उसका कूटनीतिक समाधान तलाशने की अपील कर चुके हैं।
सिंगापुर में आयोजित शांगरी ला डायलाग में राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन का उदाहरण देते हुए कहा था कि पूरी दुनिया को निरोधात्मक कार्रवाई का हमेशा समर्थन करना चाहिए। चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगे ने इस दौरान अमेरिका पर एशिया के मसलों में दखलअंदाजी का आरोप लगाया था।
बता दें चीनी सेना पिछले तीन वर्षों से ताइवान के पास सक्रिय रूप से सैन्य शक्ति का निर्माण कर रही है। 2020 से, चीन की आधिकारिक बयानबाजी एक सशस्त्र आक्रमण के परिणामस्वरूप ताइवान के साथ "पुनर्मिलन" की अनुमति देती है।