Move to Jagran APP

कनाडा 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में रखेगा सेना: पीएम ट्रूडो

कनाडाई पीएम ट्रूडो ने कहा कि हम तालिबान पर दबाव बनाते रहेंगे कि वह लोगों को वहां से जाने की अनुमति देना जारी रखे। हमारी यह प्रतिबद्धता है कि मौजूदा दौर में अफगानिस्तान का सर्वनाश न होने पाए।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 03:13 PM (IST)Updated: Wed, 25 Aug 2021 03:13 PM (IST)
कनाडा 31 अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में रखेगा सेना: पीएम ट्रूडो
कनाडा 31 के बाद भी अफगानिस्तान में रखेगा सेना: पीएम ट्रूडो

ओटावा, एएनआइ। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कहा कि अफगानिस्तान में तैनात उनके देश के सैन्य अफसर 31 अगस्त की समय-सीमा खत्म होने के बाद भी वहां से कूच नहीं करेंगे। ध्यान रहे कि अमेरिका की जो बाइडन सरकार और तालिबान के बीच 31 अगस्त तक बचाव अभियान को पूरा करने लेने पर सहमति जताई गई थी।

loksabha election banner

कनाडाई पीएम ट्रूडो ने कहा कि हम तालिबान पर दबाव बनाते रहेंगे कि वह लोगों को वहां से जाने की अनुमति देना जारी रखे। हमारी यह प्रतिबद्धता है कि मौजूदा दौर में अफगानिस्तान का सर्वनाश न होने पाए। हम हरेक दिन अधिकाधिक लोगों को अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वहां से निकालने की कोशिश करते रहेंगे। जी-सात के हमारे अन्य सहयोगियों की भी यही प्रतिबद्धता है कि हम मिलजुल कर अधिकाधिक लोगों को बचाने की कोशिश करेंगे।

ट्रूडो का बयान ग्रुप-7 की मंगलवार को हुई बैठक के बाद आया है जिसमें नेताओं ने 31 अगस्त की समयसीमा को आगे बढ़ाने पर चर्चा की है। इसी दिन अमेरिकी सेना की वापसी और बचाव अभियान को बंद करने पर तालिबान का जोर और अमेरिका की सहमति है। जबकि अमेरिका समेत अन्य नाटो देशों की सरकारें अपने नागरिकों और उनसे जुड़े अफगान नागरिकों को बाहर निकालने के लिए एयरलिफ्ट अभियान चला रही हैं।

इस बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने इस वर्चुअल सम्मेलन का आग्रह करके इस विषय पर चर्चा कराई है। कनाडा भी काबुल एयरपोर्ट से जारी इस सैन्य अभियान का हिस्सा है जिसका नेतृत्व अमेरिकी सेना कर रही है। सोमवार को कनाडा की सेना का विमान काबुल से 500 से अधिक लोगों को निकाल चुका है। कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने ट्वीट करके कहा कि जब तक भी हालात साथ देंगे कनाडा बचाव अभियान की उड़ानें संचालित करता रहेगा। सम्मेलन से पहले ट्रूडो ने यह भी कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से अब उसे दी जाने वाली सहायता राशि पर भी पुनर्विचार करना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.