कनाडा को खालिस्तानी आतंकवाद से खतरा, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने पहली बार खालिस्तानी आतंकवाद को खतरे के रूप में सूचीबद्ध किया है। यह रिपोर्ट जनसुरक्षा मामलों के मंत्री राल्फ गुडाले ने पेश की है।
वैंकुवर, एएनआइ। कनाडा में वर्ष 2018 के लिए आई पब्लिक रिपोर्ट में देश को खालिस्तानी आतंकवाद से खतरा बताया गया है। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने पहली बार खालिस्तानी आतंकवाद को खतरे के रूप में सूचीबद्ध किया है। यह रिपोर्ट जनसुरक्षा मामलों के मंत्री राल्फ गुडाले ने पेश की है। इस रिपोर्ट में इस्लामी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट और अल कायदा से भी खतरे की आशंका जताई गई है।
रिपोर्ट में खालिस्तानी आतंकवाद की आशंका जताते हुए लिखा गया है- कनाडा में कुछ लोग चरमपंथी सिख विचारधारा का समर्थन करते हैं। लेकिन यह समर्थन 1982 से 1993 की अवधि से कम है, जब खालिस्तान को लेकर चरमपंथ पूरे उफान पर था। रिपोर्ट में कहा गया है कि शिया और सिख चरमपंथियों के कनाडा में हमले का खतरा कम है लेकिन देश में उनके समर्थकों का होना चिंता का विषय है। ये समर्थक चरमपंथियों को आर्थिक मदद देते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार कनाडा सबका स्वागत करने वाला और शांत देश है। लेकिन हर तरह की चरमपंथी-हिंसात्मक के खिलाफ है। वह इस तरह की गतिविधियों को उखाड़ फेंकने के लिए भी तैयार है। कनाडा के समाज में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। अब चरमपंथी सोच और उसके समर्थन को खत्म करना कनाडा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हो गया है। पहली बार खालिस्तानी चरमपंथ के खतरे को प्रमुखता देते हुए रिपोर्ट में उसे अलग से स्थान दिया गया है। इसे सुन्नी, दक्षिणपंथी, शिया और कनाडाई घुमंतू चरमपंथियों की तरह खतरनाक बताया गया है। उनके अन्य देशों में जाकर हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने की भी आशंका जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि अतीत में कनाडा में रहने वाले तमाम सिख चरमपंथियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के सहयोग से पंजाब को अशांत रखा है। वे एक बार फिर से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रयासरत हैं।