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वैकूवर में चीन के खिलाफ कनाडा और भारतीयों का प्रदर्शन, हांगकांग-तिब्‍बत-भारत का मुद्दा उठाया

प्रदर्शनकारी संगठनों ने कनाडाई नागरिकों की रिहाई की मांग की। प्रदर्शनकारी चीन के नए वैकूवर स्थित चीनी वाण‍िज्‍य दूतावास कार्यालय के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का विरोध किया। इसके साथ प्रदर्शनकारी हांगकांग तिब्‍बत और भारतीय हिस्‍से को मुक्‍त करने की मांग रखी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 02:31 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 02:31 PM (IST)
वैकूवर में चीन के खिलाफ कनाडा और भारतीयों का प्रदर्शन, हांगकांग-तिब्‍बत-भारत का मुद्दा उठाया
चीनी वाण‍िज्‍य दूतावास कार्यालय के बाहर कनाडा और भारतीय संगठनों ने चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया। स्रोत-एजेंसी

वैकूवर, एजेंसी। कनाडाई नागरिकों की गिरफ्तारी के विरोध में वैकूवर स्थित चीनी वाण‍िज्‍य दूतावास कार्यालय के बाहर कनाडा और भारतीय संगठनों ने चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चीन की कम्‍युनिष्‍ट पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारी संगठनों ने कनाडाई नागरिकों की रिहाई की मांग की। प्रदर्शनकारी चीन के नए हांगकांग राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का विरोध किया। इसके साथ प्रदर्शनकारी हांगकांग, तिब्‍बत और भारतीय हिस्‍से को मुक्‍त करने की मांग रखी। 

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फ्रेंड्स ऑफ कनाडा-इंडिया के मनिंदर गिल ने कहा कि चीन के नए कानून से बोलने की स्‍वतंत्रता और नागरिकों की आजादी खतरे में पड़ गई है।  उन्‍होंने कहा चीन के नए कानून से प्रेस की स्‍वतंत्रता और वहां की विधानसभा की स्‍वतंत्रता खतरे में पड़ गई है। गिल ने इस चीन की गैर जिम्‍मेदाराना हरकत कहा और चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की कड़ी निंदा की। इस विरोध प्रदर्शन का गिल, आशीष मनराल, अवतार जोहल, पॉल ब्रिच, बलजिंदर चीमा, गुरचरण सराभा, परमजीत खोसला, डॉ हकम भुल्लर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। 

इस दौरान चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। इस विरोध प्रदर्शन में 500 से अधिक लोगों ने हिस्‍सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने कोरोना वायरस महामारी के कारण स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का पालन किया। लोग मास्क पहने हुए थे और शारीरिक दूरी बनाए रखा गया था। गिल ऑफ फ्रेंड्स ऑफ कनाडा ने अंत में सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि COVID-19 के बावजूद, यह प्रदर्शन काफी सफल रहा।

बता दें कि चीन ने हांगकांग के लिए नया राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून पास किया है। इससे हांगकांग के लोगों के तमाम अधिकार खत्म हो गए हैं। चीन के नए सुरक्षा कानून में हांगकांग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध करने जैसी गतिविधियां रोकने के प्रावधान है। इसके तहत चीनी सुरक्षा एजेंसियां हांगकांग में काम कर सकेंगी। दरअसल, चीन लंबे समय से ऐसा कोई कानून चाहता था, जिससे वह सीधे हांगकांग के मामलों में दखलंदाजी कर सके। कुल मिलाकर ये सुरक्षा कानून हांग कांग के किसी भी शख्स को अपराधी करार दे सकता है। चीन इस कानून के तहत हांगकांग में नया नेशनल सेक्युरिटी आफिस बनाएगा, जो वहां के हालात पर नजर रखेगा। खुफिया जानकारी इकट्ठा करेगा। अगर इस कार्यालय ने किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया, तो इसकी सुनवाई चीन में भी हो सकती है।


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