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जानें चीन को लेकर क्‍यों और कैसे आया अमेरिका के सुरों में बदलाव, अब चीनी वायरस नहीं

कोरोना वायरस को चीनी वायरस का नाम देने वाला अमेरिका अब इस पर नरम हो गया है। अमेरिका का कहना है कि ये वैश्विक समस्‍या है और सभी को इससे मिलकर निपटना होगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 09:25 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 07:23 AM (IST)
जानें चीन को लेकर क्‍यों और कैसे आया अमेरिका के सुरों में बदलाव, अब चीनी वायरस नहीं
जानें चीन को लेकर क्‍यों और कैसे आया अमेरिका के सुरों में बदलाव, अब चीनी वायरस नहीं

वाशिंगटन। कोविड 19 को चीनी वायरस बताने वाले अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के सुरों में चीन को लेकर दिखाई देने वाली आक्रामकता अब अचानक खत्‍म हो गई है। चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बात करने के बाद यह परिवर्तन दिखाई दिया है। इसके बाद सेक्रेट्री ऑफ स्‍टेट माइक पोंपेइ ने कहा कि कोरोना वायरस की समस्‍या वैश्विक समस्‍या है। इस वक्‍त जरूरत है कि सभी देश एक साथ मिलकर इसको खत्‍म करने के लिए काम करें। उन्‍होंने ये बयान चीन के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया था।

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आपको बता दें कि मार्च को राष्‍ट्रपति ट्रंप ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कोरोना वायरस का चीनी वायरस का नाम दिया था। उन्‍होंने कहा था कि चीन ने इसको पूरी दुनिया में फैलाने का काम किया है। इसके बाद चीन ने भी जवाबी हमला बोला था। ये सिलसिला लगातार काफी दिनों तक चलता रहा था। इतना ही नहीं जब चीन के पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट में कमी की बात कहकर उनको वापस किया जाने लगा तब भी चीन ने इसको लेकर अमेरिका पर उसके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। जहां तक ट्रंप की बात है तो वो जो शब्‍द अपने बयानों में इस्‍तेमाल करते हैं उसको अब पूरी दुनिया जान चुकी है। चीनी वायरस का जिक्र उन्‍होंने केवल एक बार नहीं बल्कि कई बार किया था। लेकिन फिलहाल अब दोनों ही नेता इसको तूल नहीं देना चाहते हैं।

गौरतलब है कि इस वायरस को लेकर जहां अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया था वहीं चीन ने भी अमेरिका पर दोषारोपण किया था। चीन की तरफ से कहा गया था कि अमेरिका ने साजिश के तौर पर इस वायरस को चीन के वुहान में फैलाया था। एएफपी के मुताबिक अमेरिका में मौजूद चीन के राजदूत क्‍यूई तियानकई का इस संबंध में दिया गया बयान बेहद राजनीतिक था। उन्‍होंने न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स से बातचीत के दौरान चीन के अमेरिका के प्रति प्रेम की बात की और कहा कि चीन अमेरिका के हित के लिए हर संभव कोशिश करेगा।

उन्‍होंने ये भी पूछा कि अमेरिका बताए कि उसको किस तरह से इस लड़ाई में समर्थन किया जा सकता है। अमेरिका के स्‍टेट डिपार्टमेंट ने चीनी राजदूत के बयान का समर्थन किया है। विभाग के प्रवक्‍ता मोर्गन ऑर्टगस ने कहा कि इस लड़ाई में साथ आने के लिए सबसे जरूरी चीज दोनों का एक दूसरे पर विश्‍वास है। ये केवल बयानबाजी में ही नहीं होना चाहिए बल्कि इसकी जमीनी हकीकत दिखाई देनी चाहिए। उन्‍होंने ये भी कहा कि चीन को कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़ों को अमेरिका से साझा करना चाहिए। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन में इस वायरस के फैलने के बाद अमेरिका ने यहां तक कहा था कि चीन ने समय रहते इस पर काबू पाने की कोशिश नहीं की। लेकिन अब पूरी दुनिया इसके कहर को झेलने को मजबूर है।

गौरतलब है कि पूरी दुनिया में इसके अब तक 1431706 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा 82 हजार से अधिक लोगों की जान इसकी वजह से पूरी दुनिया में अब तक जा चुकी है। अकेले अमेरिका में ही इसके 400412 मामले सामने आए हैं। यहां पर इसकी वजह से अब तक 12854 लोगों की जान चली गई है। 7 मार्च को अमेरिका में इसकी वजह से सबसे अधिक जानें गई हैं।

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