...जब अमेरिका में हजारों मौतों से थर्रा उठी थी दुनिया, अाज भी है लोगों में खौफ
17 वर्ष पहले ग्यारह सितंबर 2001 को अमेरिका का सामना उस त्रासदी से हुआ था जिसने पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर दी।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। 17 वर्ष पहले ग्यारह सितंबर 2001 को अमेरिका का सामना उस त्रासदी से हुआ था जिसने पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर दी। आतंकी संगठन अलकायदा ने अमेरिका में चार ठिकानों पर हमले किए। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) पलभर में राख के ढेर में तब्दील हो गया। हजारों लोगों की मौत हो गई। इन हमलों से अमेरिका को आर्थिक स्तर पर भी बड़ा झटका लगा।
...और थर्रा उठी दुनिया
हर रोज से अलग ये सुबह हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज होने वाली थी। दहशत पैदा करने के लिए आतंकी संगठन अलकायदा ने चार अमेरिकी विमानों का अपहरण कर दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर से टकराए, तीसरा विमान वॉशिंगटन डी.सी. के बाहर पेंटागन और चौथा विमान पेंसिलवेनिया के खेतों में गिरा। इस हमले ने पूरी दुनिया के सामने आतंकवाद से निबटने की चुनौती रख दी। इसके बाद अमेरिका ने सीमाओं को इतना मजबूत कर दिया कि आज कोई आतंकी संगठन आंख उठा कर देखने का दुस्साहस नहीं कर सकता।
अरबों डॉलर हुए राख
अमेरिका को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकियों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। अकेले डब्ल्यूटीसी में नष्ट हुई कलाकृतियों की कीमत 10 करोड़ डॉलर थी। यहां से 18 लाख टन मलबा हटाने में करीब नौ महीने का समय लगा।
हजारों लोगों ने गंवाई जान
9/11 हादसे में करीब तीन हजार लोगों ने जान गंवाई। इनमें चार सौ पुलिसकर्मी और अग्निशमन दस्ते के सुरक्षाकर्मी थे। हमले में मारे गए 372 गैर अमेरिकी लोग थे, जिनमें विमान अपहरणकर्ताओं के अलावा 77 देशों के नागरिक भी शामिल थे।
2011 में मारा गया ओसामा
अमेरिका ने इन हमलों के तुरंत बाद अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम रखा था। 2 मई 2011 में पाकिस्तान में छुपे इस आतंकी को अमेरिकी सेना ने मार गिराया।
9/11 हमले का सिलसिलेवार घटनाक्रम
सबुह 8:46 बजे : बोस्टन से लॉस एंजिलिस की उड़ान पर निकले अमेरिकन एयरलाइंस के बोईंग 767 में सवार पांच अपहरणकर्ताओं ने अगवा कर लिया था। उन्होंने इसको वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकरा दिया। जिसके चलते आग पूरी इमारत आग के गोले में तब्दील हो गई। इसमें 92 लोग सवार थे।
सुबह 9:30 बजे : अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इसे आतंकी हमला करार दिया था।
सुबह 9:37 बजे : वॉशिंगटन डलास से लॉस एंजिलिस जा रहे अमेरिकन एयरलाइंस के बोईंग 757 को भी इसमें सवार पांच अपहरणकर्ताओं ने हाईजैक कर लिया था। इसमें 64 लोग सवार थे। इस विमान को आतंकियों ने पेंटागन से टकरा दिया था।
सुबह 9:42 बजे : यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने सभी विमानों की आवाजाही पर रोक लगाई।
सुबह 9:59 बजे : वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकराने के करीब 56 मिनट बाद दक्षिण टावर गिरा।
सुबह 10:03 बजे : नेवार्क से सेन फ्रांसिस्को जो रहे यूनाइटेड एयरलाइंस के बोईंग 757 को विमान में सवार चार अपहरणकर्ताओं ने अगवा कर लिया। इसमें 44 लोग सवार थे। यह विमान पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के क्रैश हो गया था।
सुबह 10:28 बजे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के 42 मिनट बाद उत्तरी टावर गिरा और मैनहट्टन का आसमान धूल और धुंए से पट गया।
17 साल बाद भी पीड़ितों की पहचान बाकी
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले के 17 साल बाद भी करीब 1,100 पीड़ितों की पहचान नहीं हो पाई है। इतने साल बीतने पर भी न्यूयॉर्क स्थित लैब के विशेषज्ञ उसी धैर्य के साथ पीड़ितों के अवशेषों की जांच में जुटे हैं। प्रतिदिन वह अवशेषों से डीएनए मैच कराने के लिए एक ही प्रक्रिया दोहराते हैं, लेकिन उनकी सफलता की कोई गारंटी नहीं होती
कई विशेषज्ञ हमले के वक्त स्कूल में कर रहे थे पढ़ाई
न्यूयॉर्क स्थित लैब में काम कर रहे कई विशेषज्ञ हमले के वक्त प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे थे। डिजायर ने कहा, ‘हमले के बारे में ज्यादा कुछ याद नहीं होने पर भी वे समझते हैं कि यह कितना महत्वपूर्ण है। सभी बड़ी संवेदनशीलता से अपना काम कर रहे हैं।’ दक्षिण अफ्रीका से लेकर अर्जेंटीना तक की टीमें न्यूयॉर्क में इन विशेषज्ञों से सीखने आती हैं।