‘चंदा मामा’ पर यूं ही अपना हक नहीं जमा रही ये महिला, इनके पास है 'इत्ता सा टुकड़ा चांद का'
इत्ती सी हंसी, इत्ती सी खुशी, इत्ता सा टुकड़ा चांद का... चांद को लेकर न जाने कितनी यादें हमारे जेहन में हैं। लेकिन एक अमेरिकी महिला हैं, जिनके पास चांद का एक हिस्सा है
वाशिंगटन (एजेंसी)। ‘चंदा मामा’ से लेकर ‘चांद सा मुखड़ा’ तक होने की बातें बस कही-सुनी ही जा सकती हैं। चांद-तारे तोड़ लाने की बात करते सब हैं पर हकीकत सबको पता है कि ऐसा कहीं भी संभव नहीं है। लेकिन अमेरिका स्थित सिनसिनाटी निवासी लौरा सिको के पास चांद के हिस्से पर दावेदारी का हक है। दरअसल, सिको को चांद का हिस्सा बतौर गिफ्ट मिला है वह भी स्वयं अंतरिक्षयात्री नील आर्मस्ट्रांग के हाथों से। छोटी सी बोतल में ‘मून डस्ट’ और एक पत्र।
छोटी सी बोतल में है ‘मून डस्ट’
न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, 1970 में दस वर्षीय सिको को पहले अंतरिक्षयात्री नील आर्म स्ट्रांग ने अपने हाथों से लिखे एक लेटर के साथ मून डस्ट गिफ्ट की थी। नील, सिको के पिता के दोस्त थे। सिको के पिता आर्मी में थे। अब जब सिको को अपने पैरेंट्स के सामान से यह गिफ्ट वापस मिला तो उन्हें इस बात का भय है कि कहीं नासा उसे वापस न ले ले। इसलिए उन्होंने नासा पर मुकदमा दायर कर दिया है। वे उस पर अपना हक बताती हैं और नहीं चाहती कि नासा इसे उनसे छीन सके।
नासा की ओर से कोई बयान नहीं
सिको ने इसी हफ्ते फेडरल कोर्ट में केस लगाया है। हालांकि नासा की ओर से मून डस्ट को वापस लेने की न तो कोशिश की गयी है न ही कोई बयान आया है। सिको के पास मौजूद मून डस्ट की दो बार जांच भी की जा चुकी है और वैज्ञानिकों ने इसे चांद का हिस्सा होने की पुष्टि कर दी है।
आर्मस्ट्रांग का लूनर सैंपल बैग
पहले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चांद पर जाने वाले पहले इंसान थे। इतना ही नहीं नील एरोस्पेस इंजीनियर, नौसेना विमान चालक, टेस्ट पायलट और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर थे। ऐतिहासिक अपोलो-11 मिशन की 48वीं वर्षगांठ के मौके नील आर्मस्ट्रांग की चांद यात्रा वाला बैग नीलाम कर दिया गया, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि नासा इस नीलामी में शामिल न हो सका। इस बैग में नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा की सतह से मिट्टी भरकर लाए थे।