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जानें - अमेरिका के विस्‍कोंसिन राज्‍य में क्‍यों लगानी पड़ी इमरजेंसी, कोविड-19 नहीं है इसकी वजह

अमेरिकी राज्‍य विस्‍कोंसिन में रविवार को पुलिस की गोली का शिकार बने अश्‍वेत नागरिक जैकब अब शायद ही कभी चल सकेंगे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 06:01 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 06:01 PM (IST)
जानें - अमेरिका के विस्‍कोंसिन राज्‍य में क्‍यों लगानी पड़ी इमरजेंसी, कोविड-19 नहीं है इसकी वजह
जानें - अमेरिका के विस्‍कोंसिन राज्‍य में क्‍यों लगानी पड़ी इमरजेंसी, कोविड-19 नहीं है इसकी वजह

वाशिंगटन (रॉयटर्स/न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स)। अमेरिका के राज्‍य विस्‍कोंसिन में इमरजेंसी घोषित की गई है। लेकिन इसकी वजह कोविड-19 का प्रकोप नहीं बल्कि कुछ और है। दरअसल इसकी वजह 23 अगस्‍त की शाम को इसके केनोशा शहर में हुई एक अश्‍वेत नागरिक की हत्‍या है। इस हत्‍या का आरोप पुलिसकर्मियों पर लगाया गया है। इस घटना के बाद से ही इस शहर और राज्‍य के दूसरे हिस्‍सों में भी पुलिस के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और उनके शीशे तक तोड़ दिए। इसके अलावा रात में प्रदर्शनकारियों ने इमारतों को भी जबरदस्‍त नुकसान पहुंचाया है। इसके बाद पुलिस को भी प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करना पड़ा है, जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है जबकि एक घायल हुआ है। लॉस एंजेलिस, न्यूयॉर्क और मिनियापोलिस में भी लोगों ने सड़कों पर उतर कर पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।

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इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए व्‍यक्ति का नाम जैकब ब्‍लेक है। प्रत्‍यक्षदर्शियों का आरोप है कि इस व्‍यक्ति को पीछे से पुलिस ने उस वक्‍त सात गोलियां मारी थीं जब वो अपनी कार में बैठने जा रहा था। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं। वीडियो में तीन पुलिसकर्मी जैकब पर गन ताने दिखाई दे रहे हैं। लेकिन जैसे ही जैकब अपनी कार का दरवाजा खोलकर उसमें बैठने की कोशिश करता है उस पर गोलियां दाग दी जाती हैं। वीडियो में सात गोलियों के चलने की आवाज भी सुनाई दे रही है। हालांकि अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि ये गोलियां किसी एक पुलिसकर्मी ने चलाई हैं या इसमें दूसरे भी शामिल थे। आपको बता दें कि चार माह पहले भी एक अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के एक अश्‍वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की हत्‍या के विरोध में अमेरिका के लगभग सभी राज्‍यों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। ये प्रदर्शन करीब तीन माह तक जारी रहे थे। इस दौरान भी कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस से हिंसक झड़प हुई थी।

विस्‍कोंसिन में घटी घटना की गवर्नर इवर्स ने कड़ी निंदा की है। साथ ही उन्‍होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा न करने और शांत रहने की भी अपील की है। हालांकि गवर्नर की अपील को खारिज करते हुए प्रदर्शनकारियों ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपनी मांग जारी रखी। राज्‍य के गवर्नर ने एक बयान में कहा है कि हम नस्लवाद और अन्याय के चक्र को जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। साथ ही हम लोगों को नुकसान और विनाश के रास्ते पर चलने भी नहीं दे सकते है। इसी दौरान हालात बेकाबू हुए जिसको देखते हुए यहां पर इमरजेंसी की घोषणा करनी पड़ी है। इस बीच जैकब के परिवार के वकील बेन क्रेंप ने कहा है कि इस घटना के बाद अब वो दोबारा नहीं चल सकेंगे, वो लकवाग्रस्‍त हो गए हैं। बेन क्रेंप का यहां तक कहना है कि कोई चमत्‍कार ही होगा यदि वो दोबारा चल सकें। जैकब का इलाज मिलवॉकी के अस्‍पताल में चल रहा है। हालात की गंभीरता को ध्‍यान में रखते हुए विस्‍कोंसिन के गवर्नर ने राज्‍य में नेशनल गार्ड की संख्या को 125 से दोगुना कर 250 करने का फैसला लिया है।

 

जैकब की मां जूलिया जैक्सन ने भी प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील की है। उन्‍होंने अपने संदेश में कहा है कि उन्‍होंने घटना के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों के चलते शहर में काफी कुछ नुकसान होते हुए देखा है। लेकिन इस तरह का प्रदर्शन उनका बेटा भी नहीं सोच सकता है। यदि जैकब को इस तरह के विरोध प्रदर्शनों का पता चला तो वो काफी दुखी होगा। उन्‍होंने ये भी कहा है कि जैकब के साथ न्याय होना चाहिए। जैकब के परिवार ने गवर्नर से मुलाकात का वक्त भी मांगा है और आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की है।


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